Satyavati
- 2016
- 2 घं
"रक्षक खतरा बन जाए तो कहीं नहीं जा सकते. अपराध परंपरा की आड़ में वैध हो जाए, तो कहीं नहीं जाना है." सत्यवती- हम इसे प्रेम कहते हैं आज के समय की एक ऐसी कहानी जहां कोमलता और मासूमियत पर हमला ह... सभी पढ़ें"रक्षक खतरा बन जाए तो कहीं नहीं जा सकते. अपराध परंपरा की आड़ में वैध हो जाए, तो कहीं नहीं जाना है." सत्यवती- हम इसे प्रेम कहते हैं आज के समय की एक ऐसी कहानी जहां कोमलता और मासूमियत पर हमला होता है और जो कुछ बचा वह एक निशान है."रक्षक खतरा बन जाए तो कहीं नहीं जा सकते. अपराध परंपरा की आड़ में वैध हो जाए, तो कहीं नहीं जाना है." सत्यवती- हम इसे प्रेम कहते हैं आज के समय की एक ऐसी कहानी जहां कोमलता और मासूमियत पर हमला होता है और जो कुछ बचा वह एक निशान है.