अलवर में एक पुजारी भ्रष्ट मंदिर के ट्रस्टी से बदला लेने के लिए खुद को देवताओं के रूप में प्रच्छन्न करता है जो अपनी मां और बहन की मौत के लिए जिम्मेदार है.अलवर में एक पुजारी भ्रष्ट मंदिर के ट्रस्टी से बदला लेने के लिए खुद को देवताओं के रूप में प्रच्छन्न करता है जो अपनी मां और बहन की मौत के लिए जिम्मेदार है.अलवर में एक पुजारी भ्रष्ट मंदिर के ट्रस्टी से बदला लेने के लिए खुद को देवताओं के रूप में प्रच्छन्न करता है जो अपनी मां और बहन की मौत के लिए जिम्मेदार है.