एक अकेला, दिमाग़ी तौर से बीमार और ज़रुरत से ज़्यादह ईमानदार मध्यम आयु वर्ग का पुरुष अपनी पत्नी से फिर से मिल जाता है, और पहली बार अपनी किशोर बेटी से मिलता है.एक अकेला, दिमाग़ी तौर से बीमार और ज़रुरत से ज़्यादह ईमानदार मध्यम आयु वर्ग का पुरुष अपनी पत्नी से फिर से मिल जाता है, और पहली बार अपनी किशोर बेटी से मिलता है.एक अकेला, दिमाग़ी तौर से बीमार और ज़रुरत से ज़्यादह ईमानदार मध्यम आयु वर्ग का पुरुष अपनी पत्नी से फिर से मिल जाता है, और पहली बार अपनी किशोर बेटी से मिलता है.