यह नाटक मुंबई कपास मिलों के मजदूरों के आर्थिक पिछड़े वर्ग के जीवन को दर्शाता है. ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक दलों और बड़े व्यवसायों जैसी शक्तिशाली संस्थाओं द्वारा खेला गया लालच और उपभोक्तावाद क... सभी पढ़ेंयह नाटक मुंबई कपास मिलों के मजदूरों के आर्थिक पिछड़े वर्ग के जीवन को दर्शाता है. ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक दलों और बड़े व्यवसायों जैसी शक्तिशाली संस्थाओं द्वारा खेला गया लालच और उपभोक्तावाद का खेल मजदूर वर्ग में जन बेरोजगारी की लहर का कारण बनता है. नतीजतन, इससे हिंसक बगावत के रूप ... सभी पढ़ेंयह नाटक मुंबई कपास मिलों के मजदूरों के आर्थिक पिछड़े वर्ग के जीवन को दर्शाता है. ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक दलों और बड़े व्यवसायों जैसी शक्तिशाली संस्थाओं द्वारा खेला गया लालच और उपभोक्तावाद का खेल मजदूर वर्ग में जन बेरोजगारी की लहर का कारण बनता है. नतीजतन, इससे हिंसक बगावत के रूप में क्रोध और घृणा का विस्फोट होता है.