रवींद्रनाथ टैगोर की 1891 की लघु कथा पर आधारित, एक अभीक्षक के जीवन को दर्शाया गया है जिसकी एक लापरवाही के कारण उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है.रवींद्रनाथ टैगोर की 1891 की लघु कथा पर आधारित, एक अभीक्षक के जीवन को दर्शाया गया है जिसकी एक लापरवाही के कारण उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है.रवींद्रनाथ टैगोर की 1891 की लघु कथा पर आधारित, एक अभीक्षक के जीवन को दर्शाया गया है जिसकी एक लापरवाही के कारण उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है.