जब आम्बेगांव के सरपंच की मृत्यु हो जाती है, तब उनका परिवार अगले पंचायत चुनाव के लिए एकजुट होता है. परिवार का हर सदस्य धीरे धीरे सत्ता के महत्व से रूबरू होने लगता है, और सत्ता की चाह उनके रिश... सभी पढ़ेंजब आम्बेगांव के सरपंच की मृत्यु हो जाती है, तब उनका परिवार अगले पंचायत चुनाव के लिए एकजुट होता है. परिवार का हर सदस्य धीरे धीरे सत्ता के महत्व से रूबरू होने लगता है, और सत्ता की चाह उनके रिश्तों के बीच दरार पैदा करने लगती है.जब आम्बेगांव के सरपंच की मृत्यु हो जाती है, तब उनका परिवार अगले पंचायत चुनाव के लिए एकजुट होता है. परिवार का हर सदस्य धीरे धीरे सत्ता के महत्व से रूबरू होने लगता है, और सत्ता की चाह उनके रिश्तों के बीच दरार पैदा करने लगती है.