60 से अधिक उम्र का एक सामान्य जोड़ा - विद्याधर पटवर्धन और उनकी पत्नी अपने इकलौते बेटे अमर की मौत के बाद मानवीय मूल्यों और समाज में अपनी आस्था तलाशने को मजबूर हैं. इस प्रक्रिया में वे अपने जी... सभी पढ़ें60 से अधिक उम्र का एक सामान्य जोड़ा - विद्याधर पटवर्धन और उनकी पत्नी अपने इकलौते बेटे अमर की मौत के बाद मानवीय मूल्यों और समाज में अपनी आस्था तलाशने को मजबूर हैं. इस प्रक्रिया में वे अपने जीवन के सबसे कठिन संघर्ष से गुजरते हैं.60 से अधिक उम्र का एक सामान्य जोड़ा - विद्याधर पटवर्धन और उनकी पत्नी अपने इकलौते बेटे अमर की मौत के बाद मानवीय मूल्यों और समाज में अपनी आस्था तलाशने को मजबूर हैं. इस प्रक्रिया में वे अपने जीवन के सबसे कठिन संघर्ष से गुजरते हैं.