एक मानसिक अपंग व्यक्ति, अपनी 7 साल की बेटी की अभिरक्षा के लिए लड़ता है और इस प्रक्रिया में वह अपने संगदिल वकील को प्यार और परिवार का महत्व सिखाता है।एक मानसिक अपंग व्यक्ति, अपनी 7 साल की बेटी की अभिरक्षा के लिए लड़ता है और इस प्रक्रिया में वह अपने संगदिल वकील को प्यार और परिवार का महत्व सिखाता है।एक मानसिक अपंग व्यक्ति, अपनी 7 साल की बेटी की अभिरक्षा के लिए लड़ता है और इस प्रक्रिया में वह अपने संगदिल वकील को प्यार और परिवार का महत्व सिखाता है।