अपने इकलौते बच्चे के साथ रहने की इच्छा एक तलाकशुदा आदमी को बच्चे की नैनी का रूप लेने के लिए मजबूर करती है. स्थितियाँ तक बिगड़ जाती हैं जब बच्चे के दादा (आदमी के पूर्व ससुर) को भेष बदले हुए अ... सभी पढ़ेंअपने इकलौते बच्चे के साथ रहने की इच्छा एक तलाकशुदा आदमी को बच्चे की नैनी का रूप लेने के लिए मजबूर करती है. स्थितियाँ तक बिगड़ जाती हैं जब बच्चे के दादा (आदमी के पूर्व ससुर) को भेष बदले हुए अपने दामाद से प्यार हो जाता है.अपने इकलौते बच्चे के साथ रहने की इच्छा एक तलाकशुदा आदमी को बच्चे की नैनी का रूप लेने के लिए मजबूर करती है. स्थितियाँ तक बिगड़ जाती हैं जब बच्चे के दादा (आदमी के पूर्व ससुर) को भेष बदले हुए अपने दामाद से प्यार हो जाता है.