एक मनोरोग संस्थान से रिहा होने के बाद, एक व्यक्ति अपनी पत्नी जो अब उसे छोड़ चुकी है, के समक्ष उन घटनाओं का प्रायश्चित करने की कोशिश करता है, जिनके कारण वो कैद में पहुंच गया था.एक मनोरोग संस्थान से रिहा होने के बाद, एक व्यक्ति अपनी पत्नी जो अब उसे छोड़ चुकी है, के समक्ष उन घटनाओं का प्रायश्चित करने की कोशिश करता है, जिनके कारण वो कैद में पहुंच गया था.एक मनोरोग संस्थान से रिहा होने के बाद, एक व्यक्ति अपनी पत्नी जो अब उसे छोड़ चुकी है, के समक्ष उन घटनाओं का प्रायश्चित करने की कोशिश करता है, जिनके कारण वो कैद में पहुंच गया था.