समाज में देखी जाने वाली विभिन्न खामियों से निराश एक साधारण व्यक्ति मनोवैज्ञानिक रूप से और हिंसक रूप से उनके खिलाफ बरसना शुरू कर देता है।समाज में देखी जाने वाली विभिन्न खामियों से निराश एक साधारण व्यक्ति मनोवैज्ञानिक रूप से और हिंसक रूप से उनके खिलाफ बरसना शुरू कर देता है।समाज में देखी जाने वाली विभिन्न खामियों से निराश एक साधारण व्यक्ति मनोवैज्ञानिक रूप से और हिंसक रूप से उनके खिलाफ बरसना शुरू कर देता है।