एक व्यवसायी के हाथों दुर्घटनावश एक धातुकार की मौत हो जाती है, जो धीरे-धीरे उस आदमी को विकृत मांस और जंग खाए धातु में बदलकर अपना बदला लेता है.एक व्यवसायी के हाथों दुर्घटनावश एक धातुकार की मौत हो जाती है, जो धीरे-धीरे उस आदमी को विकृत मांस और जंग खाए धातु में बदलकर अपना बदला लेता है.एक व्यवसायी के हाथों दुर्घटनावश एक धातुकार की मौत हो जाती है, जो धीरे-धीरे उस आदमी को विकृत मांस और जंग खाए धातु में बदलकर अपना बदला लेता है.