यह एक नाजायज ग्यारह साल की लड़की, अवनी आयशा की कहानी है, जो अपनी ही दादी दयावंती मेहता द्वारा डाले गए बाधाओं के बावजूद, अपने लिए एक वैध पहचान बनाने की कोशिश करती है.यह एक नाजायज ग्यारह साल की लड़की, अवनी आयशा की कहानी है, जो अपनी ही दादी दयावंती मेहता द्वारा डाले गए बाधाओं के बावजूद, अपने लिए एक वैध पहचान बनाने की कोशिश करती है.यह एक नाजायज ग्यारह साल की लड़की, अवनी आयशा की कहानी है, जो अपनी ही दादी दयावंती मेहता द्वारा डाले गए बाधाओं के बावजूद, अपने लिए एक वैध पहचान बनाने की कोशिश करती है.