५०००० क्वावार
क्वावार (प्रतीक: ), जिसका अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम ५०००० क्वावार (50000 Quaoar) है, हमारे सौर मण्डल के काइपर घेरे में स्थित यम (प्लूटो) से लगभग आधे आकार की एक खगोलीय वस्तु है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के नियमों के तहत यदी ग्रह से छोटी कोई वस्तु इतना द्रव्यमान रखती हो कि स्वयं को गोलाकार कर सके तो उसे बौना ग्रह का दर्जा दिया जाता है। क्वावार पृथ्वी से इतना दूर है कि उसका आकार सही रूप से अनुमानित नहीं हो पाया है, इसलिये यह ज्ञात नहीं कि यह बौना ग्रह है या नहीं। क्वावार का एक वेवोट (Weywot) नाम का ज्ञात उपग्रह है। क्ववार की खोज २००२ में और उसके उपग्रह वेवोट की खोज २००७ में हुई थी।
नामोत्पत्ति
[संपादित करें]२००२ में लास एंजेल्स के पास हुए अनुसन्धान के कारण क्वावार की खोज होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने निर्णय लिया कि उसका नाम लास एंजेल्स क्षेत्र में प्राचीनकाल से बस रहे तोन्गवा (Tongva) नामक अमेरिकी आदिवासी जनजाति के सृष्टिकर्ता-देवता क्वावार पर रखा जाए।[1] अंग्रेज़ी में पहला इसका नाम उच्चारण के अनुसार "Kwawar" लिखा गया लेकिन फिर तोन्गवा क़बीले के सदस्यों ने इसे पारम्परिक "Quaoar" रूप से लिखे जाने की मांग करी जो मंज़ूर कर ली गई। २००७ में जब क्वावार का उपग्रह मिला तो उसका नामकरण करने का अधिकार फिर से तोन्गवा जनजाति को दिया गया। उन्होने अपनी धर्मकथाओं से अनुसार इसका नाम क्वावार देवता के पुत्र वेवोट पर रखा।
कक्षा और परिक्रमा
[संपादित करें]क्वावार सूरज से लगभग ४३.३ खगोलीय इकाईयों (यानि ६.४८ अरब किमी) की दूरी पर है। इसकी परिक्रमा कक्षा सौर मण्डल के चपटे चक्र से ८ डिग्री के कोण (ऐंगल) पर है। इसे सूरज की एक परिक्रमा पूरा करने में लगभग २८४.५ वर्ष लग जाते हैं।
रूप-रंग
[संपादित करें]क्वावार का एल्बीडो (सफ़ेदपन या चमकीलापन) ०.१ है, जो काफ़ी कम माना जाता है। काइपर घेरे में स्थित वस्तुओं की सतह पर बर्फ़ होने के कारण वे अक्सर चमकीली होती हैं। क्वावार का कम चमकीलापन सम्भवतः इस बात का संकेत है कि किसी अज्ञात प्रक्रिया से उसके ऊपर से हिम उड़ चुका है। क्वावार की सतह में लालिमा नज़र आती है। क्वावार का व्यास (डायामीटर) लगभग १,१०० किमी है। तुलना के लिये हमारे चंद्रमा का व्यास लगभग ३,४७५ किमी है।[2]
उपग्रह का रुप-रंग
[संपादित करें]वेवोट का व्यास लगभग ७४ किमी अनुमानित किया गया है और वह क्वावार से १४,५०० किमी की दूरी पर कक्षा में उसकी परिक्रमा कर रहा है। वेवोट का घनत्व और एल्बीडो क्वावार जैसा ही है, जिससे वैज्ञानिक अंदाज़ा लगाते हैं कि कभी क्वावार की किसी अन्य वस्तु से ठोकर लगने के कारण वेवोट उससे टूटकर अलग हो गया और उसकी परिक्रमा करने लगा। सम्भव है कि इसी प्रहार की वजह से क्वावार की उपरी बर्फ़ीली सतह भी खोई गई हो।[3]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Kuiper belt object Quaoar, ... The origin of Quaoar's name is Native American Tongva Creation God ...
- ↑ Brown, Michael E. and Chadwick A. Trujillo (2004). "Direct Measurement of the Size of the Large Kuiper Belt Object (50000) Quaoar". The Astronomical Journal 127 (7018): 2413–2417. Bibcode:2004AJ....127.2413B Archived 2017-03-18 at the वेबैक मशीन. doi:10.1086/382513. Reprint on Brown's site Archived 2009-09-27 at the वेबैक मशीन (pdf)
- ↑ Brown, M.E.; Fraser, Wesley (2009). Quaoar: A Rock in the Kuiper Belt. DPS meeting #41. American Astronomical Society. Bibcode:2009DPS....41.6503F Archived 2019-09-15 at the वेबैक मशीन. (Backup reference Archived 2014-04-26 at the वेबैक मशीन)
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