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स्फटिक

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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स्फटिक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक प्रकार का सफेद बहुमूल्य पत्थर या रत्न । बिल्लौर । विशेष—स्फटिक काँच के समान पारदर्शी होता है और इसका व्यवहार मालाएँ, मूर्तियाँ तथा दस्ते आदि बनाने में होता है । इसके कई भेद और रंग होते हैं ।

२. सूर्यकांत मणि ।

३. शीशा । काँच ।

४. कपूर । कर्पूर ।

५. फिटकरी ।