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पोता

विक्षनरी से

संज्ञा

पु.

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

पोता ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पौत्र, + प्रा॰ पोत्त] बेटे का बेटा । पुत्र का पुत्र । उ॰—तुम्हारे पोते से हमारी पोती का ब्याह होय तो बडा़ आनंद है ।—लल्लू (शब्द॰) ।

पोता ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰पोतृ > पोता]

१. यज्ञ में सोलह प्रधान ऋत्वजों में से एक ।

२. पवित्र वायु । वायु ।

३. विष्णु ।

पोता ^३ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ फोतह्]

१. पोत । लगान । भूमिकर ।

२. अंडकोश ।

पोता ^४ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] कलेजा । साहस । पित्ता । दे॰ 'पोटा' ^२ । उ॰—क्यों धरते धर धीर सबे भट होत कछू बल काहू के पोते ।—हनुमान (शब्द॰) ।

पोता ^५ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पोतना]

१. पोतने का कपडा़ । कूची जिससे घरों में चूना फेरा जाता है ।

२. धुली हुई मिट्टी जिसका लेप दीवार आदि पर करते हैं । मुहा॰—पोता फेरना =(१) दीवार आदि पर चूने मिट्टी आदि का लेप करके सफाई करना । (२) चौका लगाना । चौपट करना । (३) सफाई कर देना । सब कूछ लूट ले जाना ।

३. मिट्टी के लेप पर गीले कपडे़ का पुचारा जो भबके से अर्क उतारने में बरतन के ऊपर दिया जाता है । उ॰—नैन नीर सों पोता किया । तस मद चुवा बरा जस दिया ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ ६५ ।

पोता ^६ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पोत] १५ या १६ अंगुल लंबी एक प्रकार की मछली जो हिंदुस्तान की प्रायः सब नदियों में मिलती है ।

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