घना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]घना † ^१ संज्ञा स्त्री॰ [प्रा॰ घणा] स्त्री । उ॰—तिहारी घना ने भैया बदनि बदी ई तुमैं र्दुगी गरे की दुलरी औरु कमारी की तगड़ी ।—पोद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ ९१५ ।
घना ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. रुद्रजटा ।
२. भाषपर्णी ।
३. एक प्रकार का वाद्य ।
घना ^३ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ घन] पेड़ों का समूह । जंगल ।
घना ^४ वि॰ [सं॰ घन] [स्त्री॰ घनी]
१. जिसके अवयव या अश पास पास सटे हों । पास पास स्थित । सघन । गझिन । गुंजान । जैसे—घना जंगल, घने बाल, घनी बुनावट ।
२. घनिष्ठ । नजदीकी । निकट का । जैसे,—हमारा उनका बहुत घना संबंध है ।
३. बहुत अधिक । ज्यादा । उ॰— उतै रुखाई है धनी, थोरी मुख पै नेह ।—रसनिधि (शब्द॰) ।
४. गाढ़ा । प्रगाढ । उ॰—अति कड़ुआ खट्टा घना रे वाको रस है भाई ।—धरम॰, पृ॰ ५ । विशेष—संख्या थी अधिकता सुचित करने के लिये इस शब्द के बहुवचन रूप 'घने' का प्रयोग होता है । वि॰ दे॰ 'घने' ।