Ramanavami Pooja
Ramanavami Pooja
Ramanavami Pooja
शिवराशि व्रतं ह्येतत् कररष्ये ऽहं महाफलम। शनशविघ्नमस्तु से चाि त्वत्प्रसादाज्जगत्पते । दे वदे व
शनशवि घ्नेन भवेशदशत। कामािः ििवो मां वै पीडां कुविन्तु नैव शह॥
Ideally one should be immersed in ZIVA DHYAANAM for each of the 4
YAMAs (1 Yama = 3 hours) of the night of maaaga maasa మాఘ మాసం
krishna paksha chaturdashi (kumba maasa= மாசி மாசம் )
शनयमो यो महादे व कृतश्चैव त्वदाज्ञया। शवसृत्यते मया स्वाशमन् व्रतं जातमनुत्तमम्।। व्रते नाने न
महाकालमहासु रेिम् ॥
The following are synonyms in that they represent Bhagavaan ZIva श्री साम्ब
सदाशिव / श्री वै द्यनाथ् / शवश्वनाथ् / सोमनाथ् / कैलसनाथ् / भीमािङ्कर / मञ्जु नाथ् / अमरनाथ् /
पिुपशिनाथ् / भोले नाथ् / िम्भु / वडक्कुनाथ / नटराज / कुम्बेश्वर / रामे ि्वर / महाकाले श्वर /
शवश्वे श्वर / नागे श्वर / सोमे श्वर / ॐङ्कारे श्वर / त्र्यम्बकेश्वर / केदारे श्वर / मल्लिकाजुु नेश्वर / शलङ्गराजे श्वर
/एकाम्रे श्वर (एक अम्र is correct word denotes that Paarvathi did tapas / penance under a single
Manago tree at Kaanchi kshethram एकम्बरे श्वर = एक + अम्बर means one cloth which is worn only
अथ दे वस्य वाम भागे दीप स्थापनं कररष्ये । अग्निनाग्नि सग्नमध्यते कग्नवर्ग्रहपग्नतययरवा हव्यवात् जय वास्यः ॥
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आचम्य ।
take one drop of water 3 times chanting केशवा। नारायणा । माधवा।
Leave a drop of water on the platre / ground chanting गोग्नवन्दा
right thumb on right cheek ग्नवष्णो। right thumb on left cheek मधय सूदना।
folded fingers on chin ग्निग्नवरेमा। right palm on left plam वामना । left palm on right palm
श्रीधरा। touch right knee ऋग्निकेशा। touch left knee पद्मनाभा touch head दमोदकरा
fingers folded under nose सङ्किर णा। touch right nose वासय देवा। touch left nose प्रद् यय म्ना।
touch right ear अग्ननरुद्धा। touch left ear पय रुिोत्तमा।touch right eye अधोक्षय।
touch left eye नृ ग्नसंहा। touch naval अच्यय ता touch chest जनादर ना।
touch forehead उपे न्द्रा। namaskaram posture श्रीहरे । kavacham posture श्रीकृष्णा
ॐ श्री केशवाय स्वाहा । ॐ श्री नारायणाय स्वाहा । ॐ श्री माधवाय स्वाहा ॐ श्री गोग्नवन्दाय नमः । ॐ श्री ग्नवष्णवे
नमः । ॐ श्री मधयसूदनाय नमः । श्री ग्निग्नवरेमाय नमः । ॐश्री वामनाय नमः । ॐ श्री श्रीधराय नमः । ॐ श्री
रॄिीकेशाय नमः । ॐ श्री पद्मनाभाय नमः । ॐ श्री दामोदराय नमः । ॐ श्री सङ्किरणाय नमः । ॐ श्री वासयदेवाय
नमः । ॐ श्री प्रद् ययम्नाय नमः । ॐश्री अग्ननरुद्धाय नमः । श्री पयरुिोत्तमाय नमः । ॐ श्री अधोक्षजाय नमः ।ॐ श्री
नारग्नसंहाय नमः ।ॐ श्री अच्च्च्ययताय नमः । ॐ श्री जनादर नाय नमः । ॐ श्री उपेन्द्राय नमः । ॐ श्री हरये नमः । ॐ
येतद् कमि प्रधान दे वताभ्यो नमो नमः || उमा महे श्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः ।
प्रारम्भ कायं ग्ननग्नवरघ्नमस्तय । शय भं शोभनमस्तय । इष्ट दे वता कयलदे वता सयप्रसन्ना वरदा भवतय ॥
वेदादयः
अपशविः पशविो वा सवि अवस्थां गतोअपी वा | यः स्मरे त पुण्डरीकाक्षं सबाह्य अभ्यां तर: िुशचः !!
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इल्लियस्पिु मन्त्ाः (Indriya sparsha mantra – touching each organ with a mantra)
अप सपर्य ते भूता ये भूता भूग्नम संनस्थताः । ये भूता ग्नवघ्न कतार रः ते नश्श्य्य ग्नशवाज्ञया ॥
Bhoomi praarTHana is different from bhoomi sparsza manthra भू शम स्पिि मन्त्ाः which is
Paada-Sparsham Kssamasva-Me
(Oh Mother Earth) O Devi, You Who have theOcean as Your Garments, and Mountains as Your Bosom,:O
Consort of Lord Vishnu, Salutations to You; Please Forgive my Touch of the Feet (on Earth, which is Your
Holy Body)
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इल्लियस्पिु मन्त्ाः (Indriya sparsha mantra – touching each organ with a mantra)
ॐ वाङ्ङ आस्येऽस्तु | (speaking ability- tongue) ॐ नसोमे प्रणोऽस्तु | (breathing ability Nose)
ॐ अक्ष्णोमे चक्षुरस्तु |(seeing ability- eyes) ॐ कणियोमे श्रोिमस्तु |(hearing ability- ears)
ध्यवं
िः॒ धािः॑ रय मन्त्ा Dhruvam dhaaraya - stability
ॐ ध्यवं
िः॒ तेिः॒ राजािः॒ वरुिः॑णो ध्यवं
िः॒ देिः॒ वो बृ हिः॒स्पग्नतिः॑ः । ध्यव्िः॒
िः॒ इन्द्रिः॑श्ािः॒ग्निश्िः॑ रािः॒ष्टरं धािः॑ रयतां ध्यवम्
िः॒ ॥
This invocation manthraa is chanted before starting all auspicious functions. May the royal Varuṇa, the divine
heads (dEvathAs) Bṛhaspati, Indra and Agni ever give stability to your inner kingdom and (let you perform the
rituals (And your duties as laid down in Szaasthraas without interruptions / hassles)
गणपशि स्तुशि ।
ॐ शयक्ल अम्बरधरं ग्नवष्णयं शग्नशवणं चतयभयरजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत्
सवरग्नवघ्नोऽपशा्ये ॥ (one who is wearing white clothes, colour as moon, four shoulders, pleasing (to
see)countenance I meditate upon him. Lat all impediments / obstacles be removed by you)
प्राणायामम्।
ॐ प्रणवस्य परब्रह्म ऋग्निः । परमात्मा दे वता । दै वी गायिी छन्दः । प्राणायामे ग्नवग्ननयोगः ॥
दभार न् धारय मानः (keep a few dharbam under your ring finger but going up on
दभेष्वासीनः (keep few dharbam on the plaace where you are sitting)
ॐ अपग्नविः पग्नविो वा सवार वस्थां गतोऽग्नप वा। यः स्मरे त्पयण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्रः शय ग्नचः ॥
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स्तल सु ल्लधध Sthala sudhi(Cleaning up pUja place, pUja dravayam, self, others )
Keep water in panchapathra or a small kalasam or kumbam while chanting. Keep mango leaves and a small coconut also in
the kalasam Mango leaves can be used to sprinkle purifying water later. We can add vasanA dravyam such as cardamom in
the water. It is also usual to drop a coin in the kalasam / kumbam
Simple version.
[For this purpose, keep water in kumbam or pancha pathram or at last a brass vessel Chant the
following manthras to invoke blessing & purification power of of varuna dEvatha in water.
ॐ अपशविः पशविो वा सवि अवस्थां गतोअपी वा | यः स्मरे त पुण्डरीकाक्षं सबाह्य अभ्यन्तरः : िुशचः ॥
अक्तिगाि िाशण सुध्द्द्यक्तन्त मनः सत्येन सुध्द्द्यशत | शवद्या तपोभ्याम् भूतात्मा बुक्तध्द्दज्ञाि नेन सुद्ध्यशत
धन सुल्लधद मन्त्
सवेषामेव िौचानमथििौचम् परम् स्मृतं यो ऽथे िु शचहि सः िु शचनि मृद्ऱारर िु शचः िु शचः ॥
कायेन मनसा बुद्ध्या केवलैररक्तन्द्यैरशप योशगनः कमि कुविक्तन्त संग त्यक्त्ऱात्म िु द्धये ॥
प्राणायामः ॐ प्रणवस्य परब्रह्म ऋग्निः । परमात्मा दे वता । दै वी गायिी छन्दः । प्राणायामे ग्नवग्ननयोगः
पराधे, ग्नवष्णय पदे , श्री श्वेतवराह कल्पे , वैवस्वत मन्र्रे , अष्टा शवंिशत तमे, कशलयुगे, प्रथमे पादे ,
जम्बूवीपे, भारत विे, भरत खण्डे मेरोः दशक्षनाः दण्डकारण् दे शे गोदावयार दग्नक्षणे तीरे कवेयोः
उत्तरे तीरे परशय राम क्षिे शाग्नलवाहन शके, अक्तस्मन् वतर माने, व्यवहाररके, चान्द्मानेन प्रभावाशद षशष्ट
सम्वस्तराणम् मद्ये , अमयक नाम संवत्सरे , अमयक अयणे अमयक ऋतौ, अमयक मासे, अमयक पक्षे, अमयक
िुभग्नतथौ, अमयक नक्षर युिायां , अमयक वासर युिायां , यथा राग्नश स्थान नस्थते िय, सत्सय , िुभ योग, िुभ
मम उपात्त समस्त दय ररत क्षयवारा श्री परमेश्वर प्रीत्यथं , िदे व लग्मन सुशदनं िदे व िारा बलं चि
बलं िदे व शवद्याबलं दै व बलं िदे व लक्ष्मी पिेः अङ् शियुगम् स्माराशम ॥ ॐ श्री साम्ब परमेश्वर
स्वाशम पूजन समये पूवे; सथल सुध्य मुकम् पावमान जपं कररष्ये
(Sometimes we may do sthala sudhi for more than one homa / pooja. Such times we list each of them
Example सकल शवघ्न हर तदनन्तरम् (and thereafter) नवग्रह दे वता तदनन्तरम् नक्षि दे वता तदनन्तरम् आयुष्य दे वता प्रीशत होमम्
NOTE: IF we do kalaza sthaapanam for Paavamaaneeyam, then this is good enough for
whole pooja nd neet not be repeated as part of poorvaanaga pooja. MINIMUM
MANTHRA if you do kalaza pooja shown in this colour
कलश सथापना
सं कल्पं तत्वायाशम िुनः िेपोः वरुण शिष्टु प् कलिे श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमनं आवाहने शवशनयोगः ||
कलि सथापना
ॐ आ कलिेषु धावशत पशविे पररशसंच्यते उिैयिज्ञेषु वधिते || (keep kalasha on top of rice pile)
फलपयष्पपिाग्नदना मण्टपमलङ्कृत्य तन्मध्ये तण्डय लाग्नन स्थापयेत्। तदय परर ग्नचिवणे न अष्टदलपद्मं
ग्नलनखिा तन्मध्ये प्रक्षाग्नलतं स्वणर रजत ताम्र मृण्मयाद्यन्यतम पािं धूपाग्नदना ग्नवशोध्यसम्सस्थाप्य
वस्त्रेणाऽच्ाद्य तत्कलशा्राले पञ्चफल पञ्चपल्रव स्वणर रग्नचत दय गार प्रग्नतमां गोधूम धान्योपरर
कलशे स्थापयेत्
ॐ मही द्यौः पृिः॑ग्नथिः॒वी चिः॑ न इिः॒मं यिः॒ज्ञं ग्नमिः॑ग्नमक्षताम्। ग्नपिः॒पृतां नोिः॒ भरीिः॑मग्नभः ॥ [ भूग्नमं स्पृष्ट्वा ]
किः॒लशे ि
िः॑ य धावग्नत येिः॒नो वमरिः॒ ग्नव गािः॑ हते । अिः॒ग्नभ द्रोणािः॒ कग्ननिः॑रेदत् ॥ [ इग्नत कलशमग्नभमन्त्र्य ]
ॐ त्यं िः॑ तिः॒ न्रन्रजिः॑ सो भािः॒नयमनन्रिः॑ ग्नहिः॒ ज्योग्नतिः॑ष्मतः पिः॒थो रिः॑ क्ष ग्नधिः॒या कृिः॒तान्। अिः॒नयल्बिः॒
िः॒ णं वयिः॑तिः॒ जोगयिः॑वािः॒मपोिः॒
मनयिः॑भरव जिः॒ नयािः॒ दै व्यंिः॒ जनिः॑म् ॥ [ इग्नत सूिं सम्वे ष्ट्य
ॐ इिः॒मं मे िः॑ गङ्गे यमयने सरस्वग्नतिः॒ शय तयग्नद्रिः॒ स्तोमं िः॑ सचतािः॒ पिः॒रुष्ण्या। अिः॒ग्नसिः॒क्न्न्या मिः॑रुद् वृधे
ग्नविः॒तस्तिः॒याऽऽजजकीये
िः॑ रृणय ह्या
िः॒ सयिोमिः॑
िः॒ या ॥ इग्नत जलं सम्पूयर (fill kalasha with water)
ॐ तत्वायाशम ब्रह्मणा वन्दमानस्तदा िास्ते यजमानो हशवशभिः | आहे लमानो वरुणः बोध्ुरुिं समान
आयुः प्रमोशषः ||
ॐ भूभयरवस्स्वः वरुणमावाहयाग्नम ॥
ग्ननग्नक्षप्य
ॐ पूणार
िः॒ दिः॑ वजिः॒ परािः॑ पतिः॒ सयपूिः॑णार िः॒ पयनिः॒रापतिः॑ । विः॒स्नेविः॒ ग्नव रेीिः॑णावहािः॒ इििः॒मूजरꣳ॑िः॑ शतरेतो ॥ इग्नत दवीं
ग्ननग्नक्षप्य
ॐ याः फिः॒ग्नलनीिः॒यार अिः॑फिः॒ला अिः॑पयष्पा
िः॒ याश्िः॑ पयनष्पणीः िः॑ । बृहिः॒स्पग्नतिः॑प्रसूतािः॒स्ता नोिः॑ मयञ्चिः॒िंहिः॑सः ॥ इग्नत फलं
समप्यर (put beetle nut in kalasha)
ॐ भूभुवः स्वः वरुणाय नमः | ॐ गन्धिः॑वािः॒रां दयिः॑ राधिः॒िां ग्ननत्यिः॑पयष्टां करीिः॒ग्निणीिः॑म्। ईिः॒श्विः॒रींिः॒ सिः॑वरभूतानां िः॒
ॐ कान्डात् कान्डात् परोहं शत परुषः परुषः परर एवानो दू वे प्रतनु सहस्रेण ितेन च ||
(put duurva / karika )
ॐ पग्नविं िः॑ तेिः॒ ग्नवतिः॑ तं ब्रह्मणस्पते प्रिः॒भयगार िािः॑ ग्नणिः॒ पयेिः॑ग्नि ग्नवश्वतःिः॑ ।अतिः॑ प्तनूनरिः॒ तदािः॒मो अिः॑श्नयते रृिः॒तासिः॒
ग्नवग्ननयोगः ॥ ॐ तत्त्वािः॑ याग्नमिः॒ ब्रह्मिः॑ णािः॒ वन्दिः॑ मानिः॒स्तदा शािः॑ स्ते यजिः॑ मानोहिः॒ग्नवग्नभरः । आहे ळ
िः॑ मानो वरुणेिः॒ ह
कलश पूजा
[कलशं गन्धाक्षत पि पयष्पैरभ्यच्यर पररमलद्रव्याग्नण ग्ननग्नक्षप्य कलशं हस्तेनाच्ाद्य ॐ कलशस्य
मयखे ग्नवष्णय ः कण्ठे रुद्रः समाग्नश्रतः ।मूले ति नस्थतो ब्रह्मा मध्ये मातृगणाः स्मृताः ॥ कयक्षौ तय
सागराः सवे सप्तवीपा वसयन्धरा। ऋग्वे दोऽथयजय वेदः सामवेदोऽप्यथवरणः ॥ अङ्गैश् सग्नहताः
सवे कलशाम्बय समाग्नश्रताः । अि गायिी साग्नविी शान्ः पयग्नष्टकरी तथा ॥
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ELABORATE MANTHRAAS
गङ्गे च यमयने चैव गोदावरर सरस्वग्नत। नमरदे ग्नसन्धय कावेरर जले ऽनस्मन् सग्नन्नग्नधं कयरु ॥
सवे समयद्राः सररतः तीथार ग्नन जलदा नदाः । आया्य गयरुपूजाथं दय ररतक्षयकारकाः ॥
त्वत्तोये सवितीथाि शन दे वाः सवे त्वशय क्तस्थताः | त्वशय शतष्ठक्तन्त भूताशन त्वशय प्राणाः प्रशतशष्ठताः ||
शिवः स्वयं त्वमेवाशस शवष्णुस्त्वं च प्रजापशतः | आशदत्या वसवो रुद्रा शवश्वेदेवाः सपैतृकाः ||
ॐ इिः॒मं मे िः॑ गङ्गे यमयने सरस्वग्नतिः॒ शय तयिः॑ग्नद्र स्तोमꣳ॑िः॑ सचतािः॒परुिः॒नष्णया अिः॒ग्नसिः॒ननिः॒या मिः॑रुद् वृधे
ग्नविः॒तस्तिः॒याजजकीये
िः॑ रृणय ह्या
िः॒ सयिोमिः॑या ॥
ग्नसतमकरग्ननिण्ां शय भ्रवणां ग्निनेिाम्। करधृतकलशोद्यत्सोत्पलाभीत्यभीष्टाम् ॥
आत्मानं
पररमलद्रव्याग्नण
ग्ननग्नक्षप्य - गन्धाक्षतपिपयष्पैः समभ्यचरयेत्]
ॐ कलश दे वताभ्यो नमः पयष्पैः पूजयाग्नम। कलशस्य मयखे ग्नवष्णय ः कण्ठे रुद्रः समाग्नश्रतः ।
मूले ति नस्थतो ब्रह्मा मध्ये मातृ गणाः स्मृताः ॥ कयक्षौ तय सागराः सवे सप्त वीपा वसयन्धराः ।
नमरदे ग्नसन्धय कावेरी जले ऽनस्मन् सग्नन्नग्नधं कयरु ॥ अङ्गैश् सग्नहताः सवे कलश्य समाग्नश्रताः ।
अि गायिी साग्नविी शान् पयग्नष्टकरी तथा ॥ आया्य सपररवारः श्री हररहरपयि पूजाथं
दय ररतक्षयकारकाः ॥
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कलशः अर्चनः ।
ओं गङ्गायै नमः । यमयनायै नमः । गोदावयै नमः । सरस्वत्यै नमः ।
प्रदशक्षणा नमस्कारान् समपियाशम || अनया पूजया भगवान् श्री महा वरुण शप्रयताम् ||
कलि प्रार्चनाः ॥
कलशः कीग्नतरमाययष्यं प्रज्ञां मेधां ग्नश्रयं बलम्। योग्यतां पापहाग्ननं च पयण्ं वृनद्धं च साधयेत् ॥
सवर तीथर मयो यस्मात् सवर दे वमयो यतः । अथः हररग्नप्रयोग्नस िं पूणरकयम्भं नमोऽस्तयते ॥
स्विः॒नस्तमार नयिः॑िेभ्यः । ऊिः॒ध्रं ग्नजिः॑गातय भेििः॒जम् । शन्नोिः॑ अस्तय ग्नविः॒पदे ᳚। शं चतयिः॑ ष्पदे ।
ॐ शान्िः॒श्शान्िः॒श्शान्ःिः॑ ।
ॐ ॥ ग्नहरिः॑ ण्वणार ः िः॒ शय चिः॑यः पाविः॒का यासयिः॑ जािः॒तः किः॒यपोिः॒ यानस्वन्द्रःिः॑ । अिः॒ग्निं या गभं िः॑ दग्नधिः॒रे ग्नवरू
िः॑ पािः॒स्ता निः॒
आपिः॒श्शꣳ स्योिः॒ना भिः॑व्य॥ यासािः॒म् राजािः॒ वरुिः॑णोिः॒ याग्नतिः॒ मध्ये िः॑ सत्यानृतेिः॒ अिः॑विः॒पयंिः॒ जनािः॑ नाम् ।
मिः॒धयश्य
िः॒ तिः॒श्शयचिः॑योिः॒ याः पािः॑ विः॒कास्ता निः॒ आपिः॒श्शꣳ स्योिः॒ना भिः॑व्य॥
यासां ᳚ देिः॒ वा ग्नदिः॒ग्नव कृिः॒वन्िः॑ भिः॒क्षं या अिः्॒ररिः॑ क्षे बरॅिः॒धा भविः॑न् । याः पृिः॑ग्नथिः॒वीं पयिः॑सोिः॒न्दन् शय रेास्ता
िः॒ निः॒
आपिः॒श्शꣳ स्योिः॒ना भिः॑व्य॥ ग्नशिः॒वेनिः॑ मािः॒ चक्षयिः॑िा पयताऽऽपनश्शिः॒वयािः॑ तिः॒ नयवोपिः॑ स्पृशतिः॒ िचं िः॑ मे ।
पविः॑मानिः॒स्सयविः॒जरनिः॑ः । पिः॒ग्नविेण
िः॑ िः॒ ग्नवचिः॑िरग्नणः । यः पोतािः॒ स पयिः॑नातय मा । पयन्य
िः॒ िः॑ मा दे वजिः॒ नाः । पयन्य
िः॒ िः॒ मनिः॑वो
ग्नधिः॒या । पयन्य
िः॒ िः॒ ग्नवश्विः॑ आिः॒ यवःिः॑ । जातिः॑ वेदः पग्नवििः॑वत् । पिः॒ग्नविेण
िः॑ पयनाग्नह मा । शय रे
िः॒ े णिः॑ दे विः॒दीद्यिः॑ त् । अिेिः॒
रेिािः॒ रेतू ꣳिः॒ रनयिः॑। यत्ते िः॑ पिः॒ग्नवििः॑मिः॒ग्नचरग्नििः॑। अिेिः॒ ग्नवतिः॑ तम्िः॒रा । ब्रह्मिः॒ ते निः॑ पयनीमहे । उिः॒ भाभ्यां ᳚ दे वसग्नवतः
। पिः॒ग्नविेण
िः॑ सिः॒वेनिः॑ च । इिः॒दं ब्रह्मिः॑ पयनीमहे । वैिः॒श्विः॒देिः॒वी पयिः॑निः॒ती देिः॒ व्यागा᳚त् । यस्यै िः॑ बिः॒ह्वीस्तिः॒नयवोिः॑ वीिः॒तपृिः॑ष्ठाः ।
प्रािः॒णेनेग्निः॑ ििः॒रो मिः॑योिः॒ भूः । द्यावािः॑ पृग्नथिः॒वी पयिः॑सािः॒ पयोिः॑ग्नभः । ऋिः॒ताविः॑री यिः॒ग्नज्ञये िः॑ मा पयनीताम् । बृहन्ः
िः॒ िः॑
सग्नवतिः॒ स्तृग्नभिः॑ः । वग्निरष्ठैिः॑ देविः॒मन्मिः॑ग्नभः । अिेिः॒ दक्षैः ᳚ पयनाग्नह मा । येनिः॑ देिः॒ वा अपयिः॑नत । येनापोिः॑ ग्नदिः॒व्यङ्कशःिः॑ ।
सयदय
िः॒ घािः॒ग्नह पयिः॑स्वतीः । ऋग्नििः॑ग्नभिः॒स्सम्भृिः॑ तोिः॒ रसःिः॑ । ब्रािः॒ह्मिः॒णेष्विः॒मृतꣳ ग्नहिः॒तम् । पािः॒विः॒मािः॒नीग्नदर िः॑श्य नः । इिः॒मं
ल्लोिः॒कमथोिः॑ अिः॒मयम् । कामािः॒न्त्र्ससमिः॑धरय्य नः । देिः॒ वीदेिः॒ वैः सिः॒माभृिः॑ताः । पािः॒विः॒मािः॒नीस्स्विः॒स्त्ययिः॑नीः । सयदय
िः॒ घािः॒ग्नह
घृिः॑तिः॒श्यतिः॑ ः । ऋग्नििः॑ग्नभिः॒स्सम्भृिः॑ तोिः॒ रसःिः॑ । ब्रािः॒ह्मिः॒णेष्विः॒मृतꣳ ग्नहिः॒तम् । येनिः॑ देिः॒ वाः पिः॒ग्नविेण
िः॑ । आिः॒ त्मानं िः॑ पयनते
िः॒ िः॒
सदा᳚। ते निः॑ सिः॒हस्रिः॑धारे ण । पािः॒विः॒मािः॒न्यः पयिः॑न्य मा । प्रािः॒जािः॒पिः॒त्यं पिः॒ग्नविम् ᳚। शिः॒ तोध्यािः॑ मꣳ ग्नहरिः॒ण्मयम्᳚। ते निः॑
ब्रह्मिः॒ ग्नवदोिः॑ विः॒यम् । पूतंिः॒ ब्रह्मिः॑ पयनीमहे । इन्द्रिः॑स्सयनीिः॒ती सिः॒हमािः॑ पयनातय । सोमिः॑स्स्विः॒स्त्या विः॑रुणस्सिः॒मीच्या᳚।
ॐ तच्ंिः॒ योरावृिः॑णीमहे । गािः॒तयं यिः॒ज्ञायिः॑। गािः॒तयं यज्ञपिः॑तये । दै वी᳚स्स्विः॒नस्तरिः॑ स्तय नः । स्विः॒नस्तमार नयिः॑िेभ्यः । ऊिः॒ध्रं
नमोिः॒ ब्रह्मिः॑ णेिः॒ नमोिः॑ अस्त्ऱिः॒ियेिः॒ नमःिः॑ पृग्नथिः॒व्यै नमिः॒ ओििः॑धीभ्यः ।नमोिः॑ वािः॒चे नमोिः॑ वािः॒चस्पतिः॑ येिः॒ ग्नवष्णिः॑ वे बृहिः॒ते
किः॑रोग्नम ॥ ॐ शान्िः॒श्शान्िः॒श्शान्ःिः॑ ।
प्रोक्षणं (PrOkshanam)
NOTE: (Chanting the manthra below; sprinle the water in panchapathram with udhdharani (kalasam / mango leaves on all
idols, Chithra patam, pUja vessels, pUja flowers, pUja fruits, around the room, on self and all others in the room and also in
kitchen No need to take this water as thErtham to drink at this point.
आपोिः॒ग्नहष्ठा मिः॑योिः॒ भयविः॒स्तानिः॑ ऊिः॒जे दिः॑ धातन । मिः॒हेरणािः॑ य चक्षिः॑से ॥ योवःिः॑ ग्नशिः॒वतिः॑ मोिः॒ रसिः॒स्तस्यिः॑ भाजयतेिः॒ हनःिः॑
। उिः॒ शिः॒तीररिः॑ व मािः॒तरःिः॑ ॥ तस्मािः॒ अरं िः॑ गमाम वोिः॒ यस्यिः॒ क्षयािः॑ यिः॒ ग्नजन्रिः॑ थ । आपोिः॑ जिः॒ नयिः॑था च नः ॥
। वाचंिः॒ ग्नवष्णय ग्
िः॒ ंिः॒ सरिः॑ स्वतीग्ं सग्नविः॒तारं िः॑ च वािः॒ग्नजन᳚
म् ।
आपोिः॒ग्नहष्ठा मिः॑योिः॒ भयविः॒स्तानिः॑ ऊिः॒जे दिः॑ धातन। मिः॒हेरणािः॑ य चक्षिः॑से॥ योवःिः॑ ग्नशिः॒वतिः॑ मोिः॒ रसिः॒स्तस्यिः॑ भाजयतेिः॒ हनःिः॑ ।
उिः॒ शिः॒तीररिः॑ व मािः॒तरःिः॑ ॥ तस्मािः॒ अरं िः॑ गमाम वोिः॒ यस्यिः॒ क्षयािः॑ यिः॒ ग्नजन्रिः॑ थ। आपोिः॑ जिः॒ नयिः॑था च नः ॥
मैनिः॑सः
ग्नविः॒राडापःिः॑ स्विः॒राडापिः॒श्छन्दािः॒ꣳ गं स्यापोिः॒ ज्योतीिः॒ꣳ गं ष्यापोिः॒ यजू ꣳिः॒ गं ष्यापिः॑स्सिः॒त्यमापिः॒स्सवार िः॑ देिः॒ वतािः॒ आपोिः॒
भूभयरविः॒स्सयविः॒रापिः॒ ओं ॥
द्रयपिः॒
िः॒ दाग्नदिः॑विः॒ मयञ्चिः॑तय। द्रयपिः॒
िः॒ दाग्नदिः॒वेन्मयिः॑मयचािः॒नः । नस्विः॒न्नः स्नािः॒िी मलािः॑ ग्नदव। पूतंिः॒ पिः॒ग्नविेण
िः॑ ेिः॒ वाज्यम्᳚। आपिः॑श्शयन्ध्य िः॒
। । ।
NOTE: For elaborate sthala / dEha sudhdhi chanting UDAKA SHANTHI please refer to “POOJA
गयरुब्ररह्मा गयरुग्नवरष्णयः गयरुदे वो महे श्वरः । गयरुः साक्षात्परं ब्रह्म तस्मै श्रीगयरवे नमः ॥
धूम्रकेतय गरणाध्यक्षो फालचन्द्रो गजाननः । वादशै ताग्नन नामाग्नन यः पठे च्ृ णय यादग्नप ॥
ग्नवद्यारम्भे ग्नववाहे च प्रवेशे ग्ननगरमे तथा । सङ्र्ग्ामे सङ्कटे चैव ग्नवघ्नस्तस्य न जायते ॥
(Whoever chants or hears these 12 names of Lord Ganesha will not have any obstacles in all their endeavours)
तदे व लिं सयग्नदनं तदे व ताराबलं चंद्रबलं तदे व । ग्नवद्या बलं दै वबलं तदे व लक्ष्मीपते ः तें ग्निऽययगं
स्मराग्नम ॥
What is the best time to worship the Lord? When our hearts are at the feet of Lord Narayana, then the strength of
the stars, the moon, the strength of knowledge and all the Gods will combine and make it
the most auspicious time and day to worship the Lord अभीनप्ताथर ग्नसद्ध्यथं पूग्नजतो यः सयरैरग्नप ।
सवरग्नवघ्ननच्दे तस्मै गणाग्नधपतये नमः ॥ तदे व लिं सयग्नदनं तदे व ताराबलं चन्द्रबलं तदे व । ग्नवद्याबलं
सवरदा सवर कायेिय नानस्त ते िां अमङ्गलम् ।येिां रॄग्नदस्थो भगवान् मङ्गलायतनो हररः ॥
(When Lord Hari, who brings auspiciousness is situated in our hearts, then there will be no moreinauspiciousness
in any of our undertakings)
ग्नवनायकं गयरुं भानयं ब्रह्माग्नवष्णय महे श्वरान् । सरस्वतीं प्रणम्यादौ सवर कायार थर ग्नसद्धये ॥
(To achieve success in our work and to find fulfillment we should first offer our prayers to Lord Vinayaka and then
to our teacher, then to the Sun God and to the holy trinity of Brahma, ViShNu and Shiva)
आग्नङ्गकं भयवनं यस्य वाग्नचकं सवरवाङ्मयम् ।आहायं चन्द्र ताराग्नद तं नयमः सानिकं ग्नशवम् ॥
दे व दे व ॥
ॐ प्रणोिः॑ देिः॒ ग्नव सरिः॑ स्वतीिः॒ वाजे ग्निः॑ भवार ग्निः॒ जनीिः॑वती । धीिः॒नामिः॑ग्नविः॒यिः॑वतय ॥ॐ वाग्दे व्यैिः॒ नमःिः॑ ॥
(purpose of the day, intent declaration) – We could include all sankalpA i.e of kalasa, navagraha homa,
makshatra homa also in this)
Red colour with yellow text colour indicates that appropriate year, date, place, ayanam, day, moon wax/ waning paksham,
श्रीमद् भगवतो महापयरुिस्य ग्नवष्णोराज्ञाय प्रवतर मानस्य, सुभे, िोभने मुरॆते , अद्य ब्रह्मणोऽग्नवतीय
पराधे, ग्नवष्णय पदे , श्री श्वेतवराह कल्पे , वैवस्वत मन्र्रे , अष्टा शवंिशत तमे, कशलयुगे, प्रथमे पादे , (If in
abroad) (अमयक दे शे, अमयक सर्ग्ामे) अमयक पाश्वे ,) (If in India) जम्बूवीपे, भारत विे, भरत खण्डे मेरोः
दशक्षनाः दण्डकारण् दे शे गोदावयार दग्नक्षणे तीरे कवे योः उत्तरे तीरे परशय राम क्षिे शाग्नलवाहन शके,
अक्तस्मन् वतर माने, व्यवहाररके, चान्द्मानेन प्रभावाशद षशष्ट सम्वस्तराणम् मद्ये , (अमयक) नाम संवत्सरे
(अमयक अयणे (अमयक) ऋतौ (अमयक) मासे, (अमयक) पक्षे , (अमयक) िु भग्नतथौ,
(अमयक) नक्षर यु िायां , (अमयक) वासर यु िायां , सवर र्ग्हे िय, यथा राग्नश स्थान नस्थते िय, सत्सय , िु भ योग,
मम उपात्त समस्त दय ररत क्षयवारा श्री परमेश्वर प्रीत्यथं , तदे व लग्मन सुशदनं तदे व तारा बलं चन्द् बलं
Main pooja person : (अमयक) गोिोत्भवस्य, (अमयक) नक्षिे, (अमयक) राशौ जातस्य (अमयक) नाम शमरणः ,
(अमयक)गोिोत्भवस्य (अमयक) नक्षिे (अमयक) राशौ जातायाः (अमयक) नाम्सन्याहा अस्याहा मम (or आत्म)
Then kartha’s wife: (अमयक) नक्षिे (अमयक) राशौ जातायाः (अमयक) नाम्सन्याहा अस्याहा मम
सहधमरपत्नीयाः
Then sons and daughters as per birth order):
If son is married, then next should be daughter-in-law (son’s wife): (अमयक) गोिोत्भवस्य
(अमयक)नक्षिे (अमयक)राशौ जातायाः (अमयक)नाम्सन्याहा अस्याहा मम स्नु षाः (snushaah)
List of words to be substitute for respective relations after मम (अमयक) in the end
Father’s Brother’s children, grandchildren are in same gothra (lineage) and must
be included.
भ्रातृव् (भ्रातृ) पौिः father's brother's grand son (through his son)
भ्रातृव् (भ्रातृ) दौशहिः father's brother's grand son (through his daughter)
भ्रातृव् (भ्रातृ) पौिीयाः father's brother's grand daughter (through his son)
भ्रातृव् (भ्रातृ) दौशहिीयाः father's brother's grand daughter (through his daughter)
श्वश्रूः mother-in-law
MALES: तत् तत् गोिोत्भवस्य तत् तत् नक्षिे तत् तत् राशौ जातस्य तत् तत् नाम शमरणः मम बन्धुः
FEMALES: तत् तत् गोिोत्भवस्य तत् तत् नक्षिे तत् तत् राशौ जातायाः तत् तत् नाम्सन्याहा अस्याहा मम
बन्धुः
जन्माभ्यासत् जन्म प्रभृशथ एतत् क्षण पयिन्तं मद्ये संभाशवतनां सवेषां पापानां सध्ः अपनोदनाथं, मम
आत्मन श्रयग्नतस्मृग्नतपयराणोक्त फलप्राप्यथं , मम सहधमरपत्नी, पयि, पय शि, अस्य यजमानस्य सकयटय म्बस्य
क्षेम, स्थै यर, वीयि, शवजय आययरारोग्य, ऐश्वयि, शवध्ा, शश्रयं दे हबलं, उद्योग बलं अग्नभवृद्ध्यथं चतय ग्नवरध
ज्ञानवैराग्यग्नसद्ध्यथं ,सत्स्ान समृद्ध्यथं , समस्त दु ररतोप िान्त्यतं उमा महेश्वराय नमः साम्ब
परमेश्वर स्वाशम चरणारग्नवन्दयोः अचञ्चल ग्ननष्ाम ग्ननष्पट भनक्तग्नसद्ध्यथं, श्री साम्ब परमेश्वर
स्वाशम प्रसाद ग्नसध्यथं , श्रीगणे श वरुण इन्द्राग्नद दे वताः , नवग्रह दे वताः नक्षि दे वताः अष्टलोक पाल
चतय ष्ट दे वता पूजनपूवरकं ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशम प्रीत्यथं यथा शक्त्या यथा ग्नमग्नलतोपचार द्रव्यैः
पयरुिसूक्त पयराणोक्त मन्त्रै श् ध्यानावाहनाग्नद िोडशोपचारै ः उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब
परमेश्वर स्वाशम पूजां कररष्ये ॥ आदौ आसन, कलश, घण्ट, आत्म, पीठ पूजां कृिा ॥
भगगदेिः॑ िः॒ वस्यिः॑ शिखायै वौषट् || (touch all right fingers on back of head)
धीमग्नह कवचाय रॅम् || (right hand on left shoulder and left hand on right shoulder)
प्रचोिः॒दया᳚त् अस्त्राय फट् || (finger clap and take around the head clockwise)
भूभयरवस्सयवरोम् इशत शदग्बन्धः (bring Gayatri devi on to your right palm, loot at, meditationally)
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मम उपात्त समस्त दय ररत क्षयवारा श्री परमेश्वर प्रीत्यथं , तदे व लग्मन सुशदनं तदे व तारा बलं चन्द् बलं
तदे व शवद्याबलं दै व बलं तदे व लक्ष्मी पतेः अङ्शियुगम् स्माराशम ॥ जन्माभ्यासत् जन्म प्रभृशथ एतत्
क्षण पयिन्तं मद्ये संभाशवतनां सवेषां पापानां सध्ः अपनोदनाथं, मम सकयटय म्बस्य क्षेम, स्थै यर, वीयि,
शवजय आययरारोग्य, ऐश्वयि , शवध्ा, शश्रयंदेहबलं, उद्योगबलं अग्नभवृद्ध्यथं आदौ शनशविघ्नता ग्नसध्यथं श्री
ॐ गणानां िा शौनको गृत्समदो गणपग्नतजर गग्नत गणपत्यावाहने ग्नवग्ननयोगः (pour a drop of water
ॐ गणानां ᳚ िा गिः॒णपग्नत गं हवामहे किः॒ग्नवं किः॑वीिः॒नामयिः॑पिः॒मश्रिः॑वस्तमम् । ज्येिः॒ष्ठिः॒राजंिः॒ ब्रह्मिः॑ णां ब्रह्मणस्पतिः॒ आनःिः॑
(invoking Ganapathu with Siddhi, Buddhi, entire family, weapons and might)
समपरयाग्नम
समपुयाशम |
अथ महा गनपशि पि पू जा
अथ महा गनपशि पु ष् पू जा
अथ महा गनपशि अं ग पू जा
[(16 types) dOpam + dEpam + neivEdyam + (varieties of) hArathy (eka, panchamuka, nakshathra, kumba, karpUra) +
dakshinam + thAmbUlam + chathram + chAmaram + nruthyam + gEetham + manthra pushpam + prArthanam]
ॐ भूभयरविः॒स्सयविः॑ः तत्सग्नविः॒तयवररे᳚ण्ंिः॒ भगग िः॑ देिः॒ वस्यिः॑ धीमग्नह ग्नधयोिः॒ यो नःिः॑ प्रचोिः॒दया᳚त् ॥ दे व सशविः प्रसुव ।
क्षीरं लड् ढयकान् मोदकानग्नप फलाशन च। शनवेद्यं संगृहानेि शनत्य िृप्ि नमोस्तुिे ॐ
याग्नन काग्नन च पापाग्नन जन्मा्र कृताग्नन च ।ताग्नन ताग्नन ग्नवनयन् प्रदग्नक्षणे पदे पदे ॥
प्रदग्नक्षण ग्नियं दे व प्रयत्नेन मया कृतम् । ते न पापाग्नण सवार ग्नण ग्नवनाशाय नमोऽस्तयते ॥
ॐ वरेतय ण्ड महाकाय कोग्नट सूयर समप्रभा। ग्ननग्नवरघ्नं कयरु मे दे व सवर कायेिय सवरदा॥
धूम्रकेतय गरणाध्यक्षो फालचन्द्रो गजाननः । वादशै ताग्नन नामाग्नन यः पठे च्ृ णय यादग्नप ॥
ग्नवद्यारम्भे ग्नववाहे च प्रवेशे ग्ननगरमे तथा । सङ्र्ग्ामे सङ्कटे चैव ग्नवघ्नस्तस्य न जायते ॥
नमो नमो गणे शाय नमस्ते ग्नशवसूनवे । ग्ननग्नवरघ्नं कयरु मे दे वेश नमाग्नम िां गणाग्नधप ॥
सविमंगल मां गल्ये शिवे सवाि थि साशधके | िरण्ये त्र्यंबके दे वी नारायणी नमोऽस्तुते ||
शवनायकं गुरुं भानुं ब्रह्माशवष्णुमहे श्वरान् | सरस्वतीं प्रणम्यादौ सवि कायाि थि शसद्धये ||
याग्नन काग्नन च पापाग्नन जन्मा्र कृताग्नन च ।ताग्नन ताग्नन ग्नवनयन् प्रदग्नक्षणे पदे पदे ॥
नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु | योऽस्मान् द्ऱे शष्ट यं वयं शद्ऱष्मस्तं वो जम्भे दध्मः ||
इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु | योऽस्मान् द्ऱे शष्ट यं वयं शद्ऱष्मस्तं वो जम्भे दध्मः ||
नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु | योऽस्मान् द्ऱे शष्ट यं वयं शद्ऱष्मस्तं वो जम्भे दध्मः ||
ॐ ध्रुवा शदक्तग्वष्णुरशधपशतः कल्माषग्रीवो रशक्षता वीरुध इषवः |तेभ्यो नमोऽशधपशतभ्यो नमो रशक्षतृभ्यो
नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु | योऽस्मान् द्ऱे शष्ट यं वयं शद्ऱष्मस्तं वो जम्भे दध्मः ||
इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु | योऽस्मान् द्ऱे शष्ट यं वयं शद्ऱष्मस्तं वो जम्भे दध्मः ||
उपस्थानमन्त्ाः
जगतस्तस्थुषश्च स्वाहा ||
ॐ तच्चक्षुदे वशहतं पुरस्ताच्छु रेमुच्चरत् | पश्येम िरदः ितं | जीवेम िरदः ितम्| रृणुयाम िरदः
ितं | प्रब्रवाम िरदः ितं |अदीनाः स्याम िरदः ितं | भूयश्च िरदः ितात् ||
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पञ्चामृत पूजा ( put tulasi leaves or axatAs in vessels Use this for abishEkam later)
क्षीरे सोमाय नमः । (keep milk in the centre)
द्वारपालक पूजा (praying to devatha guarding each doors to each dEvatha and seeking protection. CAN BE
वारपालकपूजां समपरयाग्नम ॥
ॐ पूवरवारे वारग्नश्रयै नमः - ॐ धािे नमः । ॐ ग्नवधािे नमः ॥ अग्नस्ाङ्ग भैरवाय नमः । रुरु
भैरवाय नमः ।
ॐ दग्नक्षणवारे वारग्नश्रयै नमः - ॐ जयाय नमः । ॐ ग्नवजयाय नमः ॥ चण्ड भैरवाय नमः ।
आसन पूजा॥
आसनस्य महामन्त्रस्य पृग्नथव्या मेरुपृष्ठ ऋग्निः । सयतलम् छन्दः । कूमग दे वता। आसने ग्नवग्ननयोगः ॥
पृनि िया धृता लोका िं ग्नवष्णय ना ग्नवधृता करे । अचरनः । ॐ योगायसनाय नमः । ॐ
ग्ननवजग्नि करणाथे ताक्षर मयद्रा। अमृग्नत करणाथे धेनय मयद्रा। पग्नविी करणाथे शङ्ख मयद्रा।
िङ्खं चंद्राकि दै वतं मध्े वरुण दे वताम् | पृष्ठे प्रजापशतं शवंद्याद् अग्रे गंगा सरस्वतीम् ||
पृशथव्ां याशन तीथाि शन स्थावराशण चराशण च | ताशन तीथाि शन िङ्खेऽक्तस्मन् शविन्तु ब्रह्मिासनात्
ओं। पवन राजाय ग्नवद्महे िः॑ पाञ्चजिः॒ न्यायिः॑ धीमग्नह।तन्नःिः॑ शङ्खः प्रचोिः॒दयािः॑ 'त् ॥
भूग्नमं प्रोक्ष्य। शङ्खं प्रक्षाल्य सम्सस्थाप्य ] ॐ शं नोिः॑ देिः॒ वीरिः॒भीष्टिः॑यिः॒ आिः॑ पो भव्य पीिः॒तये।िः॑
शं यो रिः॒ग्नभस्रिः॑व्य नः ॥ [ इग्नत मन्त्रे ण जलं पूरग्नयिा शङ्ख मयद्रां धेनयमयद्रां च प्रदशर येत् ]
शदग्पालक पू जा (can be skipped for time) ( Start from east of kalasha or deity 8 directions)
इं द्राय नमः ||अनये नमः ||यमाय नमः || नैऋतये नमः ||वरुणाय नमः ||वायव्े नमः || कुबेराय
नवग्रह प्राथु नः
आशदत्याय च सोमाय मङ्गलाय बुधाय च गुरु िु क्र िशनभ्यश्च राहवे केतवे नमः ॥
आरोग्यं पद्मबन्धुशवि तरतु शनतरां सम्पदं िीतरक्तमः । भूलाभं भूशमपुिः सकलगुणयुतां वाक्तग्वभूशतं च
सौम्यः ॥ १ ॥ सौभाग्यं दे वमन्त्ी ररपुभयिमनं भागिवः िौयिमाशकिः । दीघाि युः सैंशहकेयः शवपुलतरयिः
नमोनमः |
सवि नक्षि दे वगण पशियोः नमोनमः | सवि नक्षि दे वता अनुग्रह नाम् प्राक्तिरस्तु || अनया पूजया
ॐ इं द्राय नमः | अनये नमः | यमाय नमः | नैऋतये नमः | वरुणाय नमः | वायवे नमः |
षट् पाि पू जा (can be skipped for time) put tulasi leaves or axatAs in empty vessels)
वायव्े अर्घ्िम् | नैऋत्ये पाद्यम् | ईिान्ये आचमनीयम् | आनेये मधुपकिम् | पूवे स्नानीयम् |
पशश्चमे पु नराचमनम् |
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घण्टा पू जा (Pour drops of water from sha~Nkha on top of the bell apply gandha flower)
ॐ ध्यवा
िः॒ द्यौध्यरिः॒वा पृिः॑ग्नथिः॒वी ध्यवासः
िः॒ िः॒ पवरता
िः॑ इमेिः॒। ध्यवं
िः॒ ग्नवश्विः॑ग्नमदं जगिः॑ध्दद्रयवो
िः॒ राजािः॑ ग्नवशामयम् ॥
ॐ येभ्योिः॑ मािः॒ता मधयिः॑मिः॒नत्पन्रिः॑ तेिः॒ पयःिः॑ पीिः॒यूिंिः॒ द्यौअग्नदिः॑ग्नतिः॒रग्नद्रिः॑बहार ः । उिः॒ क्तशयिः॑ ष्मान्रृ िभरान्त्र्वप्निः॑सिः॒स्ता
ॐ एिः॒वा ग्नपिः॒िे ग्नविः॒श्वदे िः॑वायिः॒ वृष्णे िः॑ यिः॒ज्ञैग्नवरधेिः॑ मिः॒ नमिः॑सा हग्नवग्नभिः॑रः । बृहिः॑स्पते सयप्रिः॒जा वीिः॒रवन्िः॑तो विः॒यं स्यािः॑ मिः॒
पतिः॑ योरिः॒यीणाम् ॥
आगमाथं तय दे वानां गमनाथं तय राक्षसां । घण्टारवं करोंयादौ दे व आह्वान लाञ्चनं ॥ (variants: कयवे
आत्मशयनद्ध
( Sprinkle water from sha~Nkha
दे हो दे वालयः प्रोक्तो जीवो सदाग्नशवः (variant दे वसनािन)। त्यजे दज्ञानग्ननमार ल्यं सोऽहम्भावेन
पूजयेत् ॥
ओं। आत्मने नमः । अ्रात्मने नमः । जीवात्मने। परमात्मने नमः ।
गोश॑ृन्त्र्ग पूजा
वायव्ये अर्घ्रम् । नैरृत्ये पाद्यम् । ईशान्ये आचमनीयम् । आिेये मधयपकरम् । पूवे स्नानीयम् । पग्नश्मे
पयनराचमनम् ।
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प्रोक्षणः ॥
अपग्नविो पग्नविो वा सवर अवस्थाङ्गतोग्नप वा। यः स्मरे त् पयण्डरीकाक्षं सः बाह्याभ्य्रः शय ग्नचः ॥ ॐ
भूभयरवः सयवः । ॐ भूभयरवः सयवः । ॐ भूभयरवः सयवः ॥ एवं शङ्ख/कलशजले न पूजा सामािी आत्मानञ्च
सम्प्रोक्ष्याः ॥
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पीठ पूजा
ॐ सकलगुनात्मा िक्तियुिाय योग पीठात्मने नमः ॥
आधार शक्त्यै नमः ॥ मूलप्रकृते नमः ॥ वराहाय नमः ॥ (variant कूमार य कूमार य नमः )
दले भ्यो नमः ॥ केसरे भ्यो नमः ॥ मध्ये श्री भवाग्नन शं कराय नमः ।
आकाशात्मने कग्नणरकायै नमः । वाय्वात्मने केसरे भ्यो नमः । अग्न्यात्मने दले भ्यो नमः ।
तन्मध्े दु गाि लक्ष्मी युिां सरस्वत्यै नमः | स्वाग्नमन् सवर जगन्नाथ यावत् पूजावसानकम्। तावत्त्वं प्रीग्नत
ॐ मधयवाता ऋतायथे मधयक्षरन् ग्नसन्धवः मानध्रनः स्ोष्वधीः मधयनक्ता मयथोिसो मधयमिाग्नथरवं रजः
तन्मध्े ॐ श्री साम्ब परमेश्वर! य नमः । (variants as appropriate: तन्मध्े दु गाि लक्ष्मी युिां
सरस्वत्यै नमः | तन्मध्े श्री भवाग्नन शङ्कराय नमः । ) पीठ पूजां समपरयाग्नम ॥
प्रशतमासु दे वताम् ध्ात्वा प्रानप्रशतष्ठाम् कुयाि त् | ॐ अस्य श्री प्राण प्रशतष्ठापन महा मंिस्य ब्रह्मा शवष्णु
महे श्वरा ऋषयः | ऋग्यजुसाि माथवाि शण छन्दां शस | सकलजगत्सृ ग्नष्टनस्थग्नत संहारकाररणी प्राणशनक्तः
परा दे वता। आं बीजम्। ह्रीं शनक्तः । रेों कीलकम्। प्राण िक्तिः | परा दे वता | आं बीजं | ह्ीं
||करन्यासः ||
आं अंगुष्ठाभ्यां नमः ||ह्ीं तजिनीभ्यां नमः || रे््ँ मध्माभ्यां नमः ||आं अनाशमकाभ्यां नमः || ह्ीं
||अङ्गन्यासः ||
आं रॄदयाय नमः ||ह्ीं शिरसे स्वाहा || रे््ँ शिखायै वौषट् ||आं कवचाय रॅम् || ह्ी ं नेिियायवौषट्
॥ ध्यानम् ॥
प्राणशनक्तः परा नः ॥
यं वाय्वानत्मकायै धूपमािापयाग्नम।
बग्नहरागत्य अनस्मन् कयम्भे /ग्नबम्बे (अनस्मन् कलशे अनस्मन् प्रग्नतमायां ) सयखं ग्नचरं ग्नतष्ठ्य स्वाहा ॥
अस्यां मूते प्राणः शतष्ठं तुः | अस्यां मूते जीवः शतष्ठन्तु | अस्यां मूतौ जीवनस्तष्ठतय ।
अस्यां मूतौ सवेनन्द्रयाग्नण मनस्त्ऱक्चक्षयः श्रोि ग्नजह्वा िाण वाक् पाग्नण पाद पायूपस्थाख्याग्नन प्राण अपान
ॐ अिः॑सयनीतेिः॒ पयनिः॑रिः॒स्मासय िः॒ चक्षयिः॒ः पयनिः॑ः प्रािः॒णग्नमिः॒ह नोिः॑ धेिः॒ग्नह भोगिः॑म्। ज्योक् पिः॑येमिः॒ सूयरमयिः॑ च्चरिः॑
िः॒ ्िः॒मनयमते
मृळयािः॑
िः॒ नः स्विः॒नस्त ॥
स्वाशमन् सवि जगन्नाथ (variant for Goddess: दे शव सवि जगन्नाशयके ) यावत्पूजावसानकं तावत्व
महामृत्युंजय मंि ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगक्तन्धं पु शष्टवधिनम्। उवाि रुकशमव बन्धनान मृत्योमुिक्षीय मामृतात्॥ ओम स्व:
भु व: ओम स: जूं हौं ओम॥We worship the Three-eyed Lord who is fragrant and
who nourishes and nurtures all beings. As is the ripened cucumber is freed from its
शिव आरोग्य मंि माम् भयात् सवतो रक्ष शश्रयम् सवि दा। आरोग्य दे ही में दे व दे व, दे व नमोस्तु ते।।
शिव गायिी मंि ओम तत्पु रुषाय शवद्महे महादे वाय धीमशह तन्नो रुद्र: प्रचोदयात। Om, Let me meditate on the
great Purusha, Oh, greatest God, give me higher intellect, and let God Rudra
illuminate my mind
मृत्युंजय मंि ॐ हौं जुं स: मृत्युंजयाय नम:॥
शिव ध्ान मंि: ओम ध्ाये शन्नत्यं महे िं रजत शगरर शनभं चारु चन्द्ावतं सं रिाकल्पोज्ज्वलां ग परिु मृगवराभीशतहस्तं
प्रसन्नम्।
शिव ध्ान मंि: करचरणकृतं वाक् कायजं कमिजं वा श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं । शवशहतं शवशहतं वा सवि मेतत्
क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादे व िम्भो ॥ Ode to the Supreme One to cleanse the
body, mind and soul of all the stress, rejection, failure, depression and other
Existence, Whose Garland is the King of Serpents, Always Dwelling inside the Lotus
शिव मंि मृत्युञ्जयाय रुद्राय नीलकन्ताय िं भवे अमृतेषाय सवाि य महादे वाय ते नमः ” Oh Shiva, you are the
one who has conquered death and are responsible for destruction of the Universe to
let life again prevail on earth. Oh lord, you are Neelkantha as you have a blue throat.
चन्द् कॊशठ प्रतीकािं शिनेिं चन्द् भूषणम्.ह । आशपङ्गळ जटजूटं रि मौशळ शवराशजतम्.ह् ॥
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ततानं नाग वलयं केयूराङ्गत मुद्रकम्.ह । व्ाि चमि परीतानं रि शसंहासन क्तस्थतम्. ॥
ध्ायाशम दक्तक्ष्नणा मूशतिम् नीलग्रीवम् शिलोचनम्। गङ्गाधरम् आकान्तम् शनत्य कल्याण रूशपणम्।।
गोक्षीर धवळाकारम् चन्द् शबम्ब समानानम्। भस्म भूशषत सवाि ङ्गम् रुद्राक्षाभरणाक्तन्रतम्।। उमा
ध्यायेत् ग्ननत्यं महे शं रजतग्नगरर ग्ननग्नभं चारु चन्द्रावतं सम् । रत्नाकल्पोज् ज्वलां गं परशय मृगवरा भीग्नत
हस्तं प्रसन्नम् ॥
पद्मासीनं सम्ात् स्तयतममरगण्ेः व्यािकृग्नतं वसानम् । ग्नवश्वाद्यं ग्नवश्ववन्त्र्द्यं ग्नननखल भय हरं पंच वक्त्रं
ग्निनेिम् ॥
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$ अनस्मन् ( ग्नबम्बे वा,ग्नचिपठे वा,कयम्भे /कलशे वा, मृग्नत्तक ग्नबम्बे ) साङ्गं साययधं सपररवारं सवाहनं
सवरशनक्तययतं शिवराशि पुण्यकाले श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमनं ध्यायाग्नम ॥ (श्री साम्बसदाग्नशवाय
न्यासं Nyasam
Invoke bhaghavaan umaa mahEzvara wamy in yoir fingers and body – ready to perform pooja.
अस्य श्री ग्नशव पञ्चाक्षरी मन्त्रस्य वामदे व ऋग्निः । अनयष्ट्टयप् छन्दः । श्री सदाग्नशवो दे वता ।
अन्गन्यासं (श्रीरुद्रं )
भूभुिवस्सुवरोशमशत शदग्बन्धः ॥
अन्गन्यासं
वामदे व ऋिये नमः । ग्नशरसे स्वाहा ॥ अनयष्ट्टयप् छन्दसे नमः । मयखे स्वाहा ॥
श्री सदाग्नशव दे वतायै नमः । ललाटे स्वाहा ॥ ॐ नं तत्पयरुिाय नमः । रॄदये स्वाहा ॥
This colour is Purusha sooktham line. This colour is Sreeooktham line. BOTH ARE
OPTIONAL chanting.
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आवाहनम् (AvAhanam)
सु॒हस्रा॑िीषाि ु॒ पुरुा॑षः । सु॒हु॒स्राु॒क्षः सु॒हस्रा॑पात् । स भूशमं ा॑ शवु॒ श्वतोा॑ वृत्वा
ु॒ । अत्या॑शतष्ठद्दिाङ्गुलम्
ु॒ ॥
आवाहयाग्नम दे वेिम् आशद मध् अन्तर् वशजितं। आधारं सवि लोकानां आशश्रताशति (आशश्रत
ततानं नाग वलयं केयूराङ्गत मुद्रकम्.ह् । व्ाि चमि परीतानं रि शसंहासन क्तस्थतम् .ह् ॥
उमा महे श्वरं आवाहयाशम ॥ अल्लस्मन् ग्नबम्बे (वा or कलशे वा or कुम्बे वा or शचि पटे वा or
मृग्नत्तक ग्नबम्बे (this is idol made of earth) साङ्गं साययधं सपररवारं सवाहनं सवरशनक्तययतं श्री
प्रसीद ॥
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आसनम् Aasanam: offer aasanam through manthraas to the Bhaghavaan after invoking him
पुरुा॑ष एु॒वेदग्ं सविम््॓ । यद् भूतंु॒ यच्चु॒ भव्म््॓ । उु॒ तामृा॑तु॒त्व स्येिाा॑ नः । यु॒दन्नेन
ा॑ ाशतु॒रोहा॑ शत ॥
पादासनं कुरु प्राघ्य़ शनमिलं स्वणि शनशमितम् । भूशषतं शवशवतैः रिैः कुरु त्वं पादु कासनम्.॥
ॐ गौरर भिे नमः । उमा महे श्वराय नमः ॥ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । रत्न शसंहासनं
समपुयाशम
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गङ्गाशद सवि तीथेभ्यः मया प्रात्तिनयारॄतम्.ह् । तोयम् ऎतत् सुकस्पििम् पाद्याथिम् प्रशदगृह्यताम्.ह् ॥
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पाद्यं गृहाण भगवन् पावनम् परमेश्वर। पावुिी ह्रुदयानन्दं पापम् सवुम् व्यपोहय।। ॐ
गङ्गाधराय नमः । उमा महेश्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः ।पादयोः पाध्यं
समपुयाशम
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शश्रयम्
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गन्धोदकेन पुष्पेण चन्दनेन सुगक्तन्धना । अर्घ्ं कृहाण दे वेि भक्तिं मे ह्यचलां कुरु ॥
आचमनीयम् AachmanEyam
तस्मा᳚ग्नविः॒राडिः॑ जायत । ग्नविः॒राजोिः॒ अग्नधिः॒ पूरुिः॑िः । स जािः॒तो अत्यिः॑ररच्यत । पिः॒श्ाद् भूग्नमिः॒मथोिः॑ पयरःिः॒ ।
चन्द्ां प्रभासां यिसा ज्वलन्ती ं शश्रयं लोके दे वजुष्टामुदाराम् । तां पशद्मनीमीं िरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीमे
उमा महे श्वराय नमः । गृहाण आचम नानाथाुय गङ्गाशद सररदाह्रुिम। शवमलं जलमीिान
व्याधीन्मे शवशनवारय । ॐ साध्यो जाताय नमः । उमा महेश्वराय नमः । ॥ श्री साम्ब परमेश्वर
यत्पयरुिः॑िेण हिः॒ग्नविा᳚ । देिः॒ वा यिः॒ज्ञमतिः॑ न्रत । विः॒सिः्॒ो अिः॑स्यासीिः॒दाज्यम् ᳚। र्ग्ीिः॒ष्म इिः॒ध्मः शिः॒ रद्धिः॒ग्नवः ।६
उमा महेश्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । स्नानं समपुयाशम ॥
(Snaanam using ganga water)
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नमोऽस्तय सवरलोकेश उमादे हाधर धाररणे । मधयपकग मया दत्तो गृहाण जगदीश्वर ॥
रसोशस रस्य वगेषु सुक रूपोशस िङ्कर । मधुपकं जगन्नाथ दास्ये तुभ्यं महे श्वर ॥
मन्धाशकशनयाः समानीतं हे मां बोरुह वाशसतम्.ह् । स्नानाय ते मया भक्त्या नीरं स्वीकृयतां शवभो ॥
भागीरशत गौतशम च यमुना वै सरस्वती । दासां सशलल मानीय करोशमह्यशभक्षेचनं । (Snaanam using
other rivers water) उमा महे श्वराय नमः । श्री साम्ब परमे श्वर स्वाशमने नमः । पु नः सु धधोदक स्नानं
समपुयाशम । (Suddha udakam is mere cleanwater after panchamrutha, gendam and such
पयः (any fluid juice) स्नानं समपरयाग्नम ॥ पयः स्नानानंतर शय द्धोदक स्नानं समपरयाग्नम ॥
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ॐ वामदे वाय नमः । दग्नध स्नानं समपरयाग्नम ॥ दग्नध स्नानानंतर पुनः शय द्धोदकस्नानं समपरयाग्नम ॥
(curd)
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ॐ घृतं ग्नमग्नमक्षे घृतमस्य योग्ननघृरते ग्नश्रतो घृतंवस्यधाम अनयष्ठधमावह मादयस्व स्वाहाकृतं वृिभ
वग्नक्षहव्यम् ॥ सपजश च महारुद्र स्वप्नं रेीयते दय न । गृहाण श्रद्धया दत्तं तव प्रीताथर मेव च ॥ ॐ
अघोराय नमः । घृत स्नानं समपरयाग्नम ॥ घृत स्नानानंतर पुनः शय द्धोदक स्नानं समपरयाग्नम ॥ (आज्य is
also ghee)
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ॐ मधयवाता ऋतायथे मधयक्षरं ग्नत ग्नसन्धवः मानध्रनः संतोष्वधीः मधयनक्ता मयथोिसो मधयमिाग्नथरवं रजः
इदं मधय मया दत्तं तव पयष्ट्यथर मेव च । गृहाण दे वदे वेश ततः शान्ं प्रयश् मे ॥
ॐ तत् पयरुिाय नमः । मधय स्नानं समपरयाग्नम ॥ मधय स्नानानंतर पुनः शय द्धोदक स्नानं समपरयाग्नम ॥
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ॐ स्वादय ः पवस्य ग्नदव्याय जन्मने स्वादय दररन्द्राय सयहवीतय नाम्ने । स्वादय ग्नमरिाय वरुणाय वायवे
बृहस्पतये मधयमा अदाभ्यः ॥ ग्नसथया दे व दे वेश स्नापनं रेीयते यतः । ततः संतयग्नष्टमापन्नः प्रसन्नो वरदो
ॐ गंधवारां दय राधशां ग्ननत्य पयष्पां करीग्निणीम् । ईश्वरीं सवर भूतानां ताग्नम होप व्हयेग्नश्रयम् ॥ हर चंदन
सम्भू तं हर प्रीग्नतश् गौरवात् । सयरग्नभ ग्नप्रय परमेश गंध स्नानाय गृह्यताम् ॥ ॐ श्री नीलकण्ठाय नमः ।
गंधोदक स्नानं समपरयाग्नम ॥ पुनः शय द्धोदकस्नानं समपरयाग्नम ॥ (sandal chandanam) सकल पूजाथे
अक्षतान् समपरयाग्नम ॥
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संगृहाण जगत्पते ॥ ॐ उमापतये नमः । अभ्यंग स्नानं समपरयाग्नम। पुनः शय द्धोदकस्नानं समपरयाग्नम ॥
चन्द्रशे खराय नमः । उष्णोदक स्नानं समपरयाग्नम ॥ सकल पूजाथे अक्षतान् समपरयाग्नम ॥ (Hot water
waterd)
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आपोग्नहष्टा मयो भयवः । तान ऊजे दधातन । महीरणाय चक्षसे । योवः ग्नशवतमोरसः तस्यभाजयते
हनः । उशतीररव मातरः । तस्मात् अरं गमामवो । यस्य क्षयाय ग्नजंवध । आपो जन यथाचनः ॥
(after sprinkling water around throw one tulasi leaf to the north)
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तपरणं
ॐ भव दे वं तपरयाग्नम । ॐ शवं दे वं तपरयाग्नम । ॐ ईशानं दे वं तपरयाग्नम ।
प्रग्नतष्ठापना
ॐ नमः ग्नशवाय ॥ (Repeat 12 times) ॐ तदस्तय ग्नमिा वरुणा तदिे
प्रग्नतष्ठासूक्तं तत् प्रग्नतग्नष्टत तमया वाचा । शं स्तव्यं तस्माद्यद्यग्नपदू र इव पशू न् लभते गृहानेवै ॥
नानाग्नजगग्नमशग्नत ग्नर्ग्हाग्नह पशू नां प्रग्नतष्ठा प्रग्नतष्ठा ॐ श्री साम्बसदाग्नशवाय सां गाय सपररवाराय
साययधाय सशनक्तकाय नमः । श्री साम्बसदाग्नशवं सां गं सपररवारं साययधं सशनक्तकं आवाहयाग्नम ॥
उपैतु मां दे वसखः कीशतिश्च मशणना सह । प्रादु भूितोऽक्तस्म राष्टरेऽक्तस्मन् कीशतिमृक्तद्धं ददातु मे ॥
वस्त्रं सूक्ष्मं तुकूलेच दे वानामशप दु लिभम्. । गृहाण त्वम् उमाकान्त प्रसन्नो भव सविता ॥
गज चमि धरानन्त गरळाम् शकत कन्धर। दु कूलम् गृह्यताम् दे व दु गिशतम् मे शनवारय।। उमा
श्री महा गौरी पूजा – कंचयकी (literally armour but denotes waist band, arm band etc)
नवरत्नाग्नभदर धां सौवणै श्ैव तं तयग्नभः । ग्ननग्नमरतां कंचयकीं भक्त्या गृहाण परमेश्वरी ॥ ॐ श्री महा गौयै
श्री महा गौरी पूजा – ताडपिाग्नण (Literally ताडपि means palm leaf తాటి అకు, ன ஓனை.
Could be taken to mean an incense leaf ( Fragrant screw pine flower) ) మొగలి రేకు, டழண் பூ)
उमा महेश्वराय नमः । ॥श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । उपवीिं समपुयाशम
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गन्धं गृहाण दे वेश कस्तूरर कयङ्कयमानन्रतम् । ग्नवले पनाथं कपूरररोचन लोग्नहतं मया ॥ ॐ श्री हराय
श्रीकण्ठं चन्दनं शदव्ं गन्धाढ्यं सुमनोहरम् .ह् । शवलेपनं सुरश्रेष्ट मत्थ्दत्तम् प्रशत गृह्यताम्.ह् ॥
उमा महेश्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । गन्धान् धारयाशम ॥
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कदि मेन प्रजाभूता मशय सम्भव कदि म । शश्रयं वासय मे कुले मातरं पद्ममाशलनीम् ॥
ॐ श्री महा गौयै नमः । हररद्रा समपरयाग्नम ॥ उमा महेश्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने
तस्मा᳚द्यिः॒ज्ञात्सिः॑ वरिः॒रॅतःिः॑ । ऋचःिः॒ सामािः॑ ग्नन जग्नज्ञरे । छन्दाग्ा॑ग्नस जग्नज्ञरे िः॒ तस्मा᳚त् । यजय स्तस्मािः॑
िः॒ दजायत ।
मनसः काममाकूशतं वाचः सत्यमिीमशह । पिूनां रूपमन्नस्य मशय श्रीः श्रयतां यिः ॥
कयङ्कयमं कामदां ग्नदव्यं काग्नमनी काम सम्भवम् । कयङ्कयमाग्नचरते दे ग्नव सौभाग्याथं प्रग्नतगृह्यताम् ॥ ॐ
श्री महा गौयै नमः । कयङ्कयमं समपरयाग्नम ॥ उमा महे श्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः ।
कुंकुमम् समपियाशम
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उमा महे श्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । भस्म रक्षां समपियाशम
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ब्रािः॒ह्मिः॒णो᳚ऽस्यिः॒ मयखिः॑मासीत् । बािः॒रॆ रािः॑ जिः॒न्यिः॑ ः कृिः॒तः । ऊिः॒रू तदिः॑ स्यिः॒ यवै यिः॑ः । पिः॒द्भ्याꣳ शू द्रो
िः॒ अिः॑जायत।
आद्रां पुष्कररणीं पुशष्टं शपङ्गलां पद्ममाशलनीम् ।चन्द्ां शहरण्मयीं लक्ष्मी ं जातवेदो म आवह ॥
कुण्डलाम्गद मुख्याशन कुण्डलीश्वर भूषण। भूषणाशन गृहानेि भूशत भूशषत शवग्रह ॥
नाना पररमल द्रव्यं Parimala dravyam (aromatic substance such as rose water)
चिः॒न्द्रमािः॒ मनिः॑सो जािः॒तः । चक्षोः िः॒ सूयग िः॑ अजायत। मयखािः॒ग्नदन्द्रिः॑श्ािः॒ग्निश्िः॑ । प्रािः॒णावािः॒ययरिः॑जायत ।
आद्रां यः कररणीं यग्नष्टं सयवणां हे ममाग्नलनीम् । सूयां ग्नहरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥
ॐ अग्नहरै व भोग्येः पयेग्नत बारॅं जाया हे ग्नतं पररभादमानः । हस्तज्ञो ग्नवश्वावययनाग्नन ग्नववान्पयमास्प्रमां सं
पररपातय ग्नवश्वतः ॥ ॐ श्री महे श्वराय नमः । उमा महे श्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः
अक्षिा Akshtaha
नाभ्यािः॑ आसीदिः॒ ्ररिः॑ क्षम् । शीिः॒ष्णग द्यौः समिः॑वतर त। पिः॒द्भ्यां भूग्नमिः॒ग्नदरशिः॒ ः श्रोिा᳚त् ।तथािः॑ लोिः॒काꣳ
अिः॑कल्पयन्।
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगाग्नमनीम्। यस्यां ग्नहरण्ं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वानन्रन्दे यं पयरुिानहम्
अक्षतान् अक्षतशवभो नक्षिेि शवभूषण। िुद्ध स्पशटक सम्काि् स्वाशमन् स्वीकुरु संकर॥
अक्षदान् चन्द् वणाि पान् िालेयान् सशदलान् िुभान् । अलञ्काराथिमानीदान् धारयस्य महाप्रभो ॥
अक्षतान् धवलान् शय भ्रान् कपूररागयरु ग्नमग्नश्रतान् । गृहाण परया भक्त्या मया तय भ्यं समग्नपरतान् ॥ श्री
शवार य नमः । उमा महे श्वराय नमः । श्री साम्ब परमेि्वर स्वाशमने नमः ।अक्षतान् समपियाशम
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पुष्ं Pushpam
वेदािः॒हमेिः॒तं पयरुिः॑िं मिः॒हा्म् ᳚ । आिः॒ ग्नदिः॒त्यविः॑णंिः॒ तमिः॑सस्तय िः॒ पािः॒रे। सवार ग्निः॑ ण रू
िः॒ पाग्नणिः॑ ग्नविः॒ग्नचत्यिः॒ धीरःिः॑ । नामािः॑ ग्नन
कृिः॒िाऽग्नभिः॒वदिः॒ न् यदास्ते᳚ ।
यः शय ग्नचः प्रयतो भूिा जय रॅयादाज्य मन्रहम्। ग्नश्रयः पञ्चदशचं च श्रीकामः सततं जपेत् ॥
नमः । उमा महे श्वराय नमः । श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः ।।पुष्ाशणसमपुयाशम
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अलङ्कारं AlankAram
धािः॒ता पयरस्तािः॒
िः॒ द्यमयिः॑दाजिः॒ हारिः॑ । शिः॒ रेः प्रग्नविः॒वान्प्रिः॒ग्नदशिः॒ श्तिः॑ स्रः । तमेिः॒वं ग्नविः॒वानिः॒मृतिः॑ इिः॒ह भिः॑वग्नत। नान्यः पन्ािः॒
अयिः॑नाय ग्नवद्यते ।
पद्मानने पद्म ऊरू पद्माक्षी पद्मसम्भवे। िं मां भजस्व पद्माक्षी येन सौख्यं लभाम्यहम् ॥
उमा महे श्वराय नमः ।श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । अलन्कारािे पयष्पमाग्नलकां समपरयाग्नम ॥
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यिः॒ज्ञेनिः॑ यिः॒ज्ञमिः॑यज् देिः॒ वाः ।ताग्ननिः॒ धमार ग्निः॑ ण प्रथिः॒ मान्यािः॑ सन्। ते हिः॒ नाकंिः॑ मग्नहिः॒मानःिः॑ सच्े ।यििः॒ पूवेिः॑ सािः॒ध्याः
शिवाय नमः ।
गयहाय नमः / ॐ व्योमात्मने नमः / िवाि य नमः । गयल्फौ पूजयाग्नम । Gulfah = ankle
हराय नमः / ॐ सत्यसेव्याय नमः । जघनं पूजयाशम । (hip, buttocks, rear part)
परमेश्वराय नमः ।
नारायणीसयताय सुनाभये नमः / महे श्वराय नमः । नाग्नभं पूजयाग्नम । (Nabhi = naval)
blade)
हरसूनवे नमः िक्ति हस्ताय / सवाि स्त्र धाररणे हस्तान् पूजयाग्नम । (hasta = hand)
त्र्यम्बकाय नमः ।
hearing)
पि पूजा
ॐ महादे वाय नमः । ग्नबल्व पिं समपरयाग्नम ॥ Bilvam, . బిల్వ ము, வில் வம்
ॐ महे श्वराय नमः । जाजी पिं समपरयाग्नम ॥ (pink jasmine, గులాబీ చమేలీ, திணல் லி )
ॐ शं कराय नमः । चम्पका पिं समपरयाग्नम ॥ Magnolia , చంపకము பிச்சி பூ
ॐ शू लपाग्नणने नमः । दू वार ययग्मं समपरयाग्नम ॥ (durva grass, గరిక, దుర్వా அருகண் பு ல் )
ॐ कामाङ्ग नाशनाय नमः । सेवंग्नतका पिं समपरयाग्नम ॥ (marigold, బంతి పువుు சண்தி பூ)
ॐ दे वदे वेशाय नमः । मरुग पिं समपरयाग्नम ॥ (Spanish cherry, ಬಕುಳ పువుా , మకిజొం పువుా
ணகிழண் பூ
ணக்ககழு்து,
ॐ पावरतीपतये नमः । ग्नवष्णय रेान् पिं समपरयाग्नम ॥ (dwarf morning glory, కన్సా కుర్వ கவள் ளள
விஷ்ணுகிர் தி
ॐ रुद्राय नमः । माग्नच पिं समपरयाग्नम ॥ (dahlia , sunflower, daisy మాసి పత్రొం ணச்சி ணை்)
पयष्प पूजा
ॐ शवार य नमः । करवीर पयष्पं समपरयाग्नम ॥ (Oleander , గన్నే రు, அள)
ॐ भवनाशनाय नमः । जाजी पयष्पं समपरयाग्नम ॥ (pink jasmine, గులాబీ చమేలీ, திணல் லி )
ॐ महादे वाय नमः । चम्पक पयष्पं समपरयाग्नम ॥ (Magnolia , చొంపకము பிச்சி பூ)
ॐ उर्ग्ाय नमः । वकयल पयष्पं समपरयाग्नम ॥ (Maulsari, ironwood, పొగడ , ணகிழண் பூ)
ॐ उर्ग्नाभाय नमः । शतपि पयष्पं समपरयाग्नम ॥ (lotus, తామర పువుు , டணன ணை்)
ॐ भवाय नमः । कल्हार पयष्पं समपरयाग्नम ॥ ( water lily, కువలయము, கதண் ல்
ॐ शग्नशमौग्नलने नमः । सेवन्का पयष्पं समपरयाग्नम ॥(marigold, బంతి పువుు சண்தி பூ)
ணை்
ॐ ग्नशवाय नमः । ग्नगररकग्नणरका पयष्पं समपरयाग्नम ॥ (Fabaceae, నీలం పువుు , ீ லக் காக் கணம் )
१ प्रथमावरण पूजा
२ ग्नवतीयावरण पूजा
ग्नदक्षय अस्त्राय फट् । (right hand round the head and quickly sound a clap. - thus you
३ तृ तीयावरण पूजा
प्राच्यां अन्ाय नमः ।
५ पंचमावरण पूजा
६ िष्ठावरण पूजा
शिव अष्टोत्तर िि नामावशल శివ అష్టోత్తర శత్ నామావళి ஶிவ அஷ்ட ாத்தர ஶத
ாமாவல் தி³
ॐ महे श्वराय नमः ఓొం మహేశ్ా ర్వయ నమః ஓண் ணஹஹஶ்வத ண:
ॐ िङ्कराय नमः (10) ఓొం శ్ొంకర్వయ నమః (10) ஓண் ஶங் கத ண: (1௦)
ॐ िूलपाणये नमः ఓొం శూలపాణయే నమః ஓண் ஶூலஞஹத ண:
ॐ खट्वाशङ्गने नमः ఓొం ఖట్ా ొంగిన్న నమః ஓண் க²்வங் கி³ஹ ண:
ॐ शिलोकेिाय नमः (20) ఓొం త్రరిలోకేశాయనమః (20) ஓண் ட்ஹலஹகஶத ண: (2௦)
ॐ कृपाशनधये नमः (30) ఓొం కృపానిధయే నమః (30) ஓண் க்ருட⁴ஹத ண: (3௦)
ॐ वृ षभारूढाय नमः (40) ఓొం వృషభారూఢాయ నమః ஓண் வ் ருஷ⁴ரூ⁴த ண: (4௦)
ॐ सवि ज्ञाय नमः ఓొం సరా జ్ఞాయ నమః ஓண் ஸ்வ் ஜத ண:
ॐ शवश्वे श्वराय नमः ఓొం విశేా శ్ా ర్వయ నమః ஓண் விஶ்ஹவஶ்வத ண:
ॐ शहरण्यरे तसे नमः ఓొం హిరణా రేరసే నమః ஓண் ஹிஞ்தஹடஹஸ ண:
ॐ शगरीिाय नमः (60) ఓొం గిరీశాయ నమః (60) ஓண் கி³ஶத ண: (6௦)
ॐ भु जङ्ग भू षणाय नमः ఓొం భుజొంగ భూషణాయ నమః ஓண் பு⁴ங் க³ பூ⁴ஷஞத ண:
ॐ प्रमथाशधपाय नमः (70) ఓొం త్పమథాధిపాయ నమః ( ஓண் ் ணட²தி⁴த ண: (7௦)
ॐ मृत्युञ्जयाय नमः ఓొం మృతుా ొంజయాయ నమః ஓண் ண் ருட்யுஜ் தத ண:
ॐ जगद्लाशपने नमः ఓొం జగదాా ా పిన్న నమః ஓண் க³ட்³வ் தபிஹ ண:
ॐ जगद् गुरवे नमः ఓొం జగదుారవే నమః ஓண் க³ட்³கு³ஹவ ண:
ॐ महासे न जनकाय नमः ఓొం మహాసేన జనకాయ ஓண் ணஹஹஸ கத ண:
నమః
ॐ स्थाणवे नमः (80) ఓొం స్తాణవే నమః (80) ஓண் ஸ்ட²ஞஹவ ண: (8௦)
ॐ अने कात्मने नमः ఓొం అన్నకారో న్న నమః ஓண் அஹகட்ணஹ ண:
ॐ स्वाक्तिकाय नमः ఓొం స్తా తితా కాయ నమః ஓண் ஸ்வட்ட்விகத ண:
ॐ हराय नमः (100) ఓొం హర్వయ నమః (100) ஓண் ஹத ண: (1௦௦)
ॐ अव्िाय नमः ఓొం అవా కాత య నమః ஓண் அவ் தக்டத ண:
ॐ परमेश्वराय नमः (108) ఓొం పరమేశ్ా ర్వయ నమః ஓண் ஹணஶ்வத ண: (1௦8)
ग्नदिः॒शां चिः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । దిశం చ పతయే నమః தி³ஶண் ʼ ச டயத ண꞉
नमोिः॑ वृक्षे
िः॒ भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో వృక్షేభ్యో నమః யண வ் யʼய் யத ண꞉ .
पिः॒शूनां
िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । పశూనాం పతయే నమః ஶூண் ʼ டயத ண꞉
नमःिः॑ सिः॒नस्पञ्जिः॑रायिः॒ नमःिः॑ । నమః సస్ప ంజరాయ నమః ண꞉ ஸஸ்பிஜ் த ண꞉
पिः॒थीिः॒नां पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । పథీనాం పతయే నమః தீ²ண் ʼ டயத ண꞉
अन्नािः॑ नां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । ఄనాా నాం పతయే నమః அ் ண் ʼ டயத ண꞉
नमोिः॒ हररिः॑ केशायिः॒ नमःिः॑ । నమో హరకేశయ నమః யண ஹயைஶத ண꞉
पयष्टानां
िः॒ िः॒ पतिः॑ ये नमःिः॑ । పుష్టానాం పతయే నమః புஷ்ண் ʼ டயத ண꞉
नमोिः॑ भिः॒वस्यिः॑ हेिः॒ त्यै नमःिः॑ । నమో భవసో హేత్యో నమః யண வஸ்த யஹட்னத ண꞉
जगिः॑तां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । జగతాం పతయే నమః ை³டண் ʼ டயத ண꞉
क्षेिािः॑ णां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । క్షేత్రరాణం పతయే నమః யட்ஞண் ʼ டயத ண꞉ .
नमःिः॑ सूतायिः॒
िः॒ नमःिः॑ । నమః సూతాయ నమః ண꞉ ஸூடத ண꞉
वनािः॑ नां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । వనానాం పతయే నమః வண் ʼ டயத ண꞉
कक्षािः॑ णां िः॒ पतिः॑ ये नमःिः॑ । కక్షాణం పతయే నమః ைஞண் ʼ டயத ண꞉
ओििः॑धीनां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । ఓష్ధీనాం పతయే నమః ஓஷதீண் ʼ டயத ண꞉ .
पिः॒त्तीिः॒नाम् पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । పతీీనాం పతయే నమః ட்தீண் டயத ண꞉
नमःिः॑ कृत्स्नवीिः॒तायिः॒ नमःिः॑ । నమః కృత్ ా వీతాయ నమః ண꞉ ை்யʼட்ஸ்வீடத ண꞉ .
सत्त्विः॑नां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ ॥ సతీు నాం పతయే నమః .. ஸட்ட்வண் ʼ டயத ண꞉ ..
नमःिः॒ सहिः॑ मानायिः॒ नमःिः॑ । నమః సహమానాయ నమః ண꞉ ஸஹணத ண꞉
आिः॒ व्यािः॒ग्नधनीिः॑नां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । అవ్యో ధినీనాం పతయే నమః ஆவ் ததிண் ʼ டயத ண꞉
स्तेिः॒नानां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । సేీనానాం పతయే నమః ஸ்யடண் ʼ டயத ண꞉ .
नमोिः॑ ग्ननिंग्नङ्गणेिः॒ नमःिः॑ । నమో నిష్ం॑ంగిణే నమః யண ஷண் ʼங் கி³யஞ ண꞉
तस्किः॑राणां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । తసక రాణం పతయే నమః டஸ்ைஞண் ʼ டயத ண꞉
नमोिः॒ वञ्चिः॑तेिः॒ नमःिः॑ । నమో వంచతే నమః யண வஜ் சயட ண꞉ .
स्तािः॒यूनां
िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । ాీననాం పతయే నమః ஸ்டயூண் ʼ டயத ண꞉ .
अरिः॑ ण्ानां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । ఄరణో నాం పతయే నమః அஞ்தண் ʼ டயத ண꞉
नमःिः॑ सृकािः॒ग्नवभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమః సృకావిభ్యో నమః ண꞉ ஸ்யʼைவி் யத ண꞉ .
मयष्णिः॒
िः॒ तां पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । ముష్తా
ణ ం పతయే నమః பஷ்ஞடண் ʼ டயத ண꞉ .
प्रिः॒कृिः्॒ानां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । క్పకృంతానాం పతయే నమః ் ை்யʼ்டண் ʼ டயத ண꞉
कयिः॒लयंिः॒ चानां िः॒ पतिः॑ येिः॒ नमःिः॑ । కులంచానాం పతయే నమః குலுஜ் சண் ʼ டயத ண꞉ .
धिः॒न्रािः॒ग्नवभ्यिः॑श्िः॒ नमःिः॑ । ధనాు విభో శ్ై నమః ட் வவி் தஶ்ச ண꞉
नमिः॑ आतन्रािः॒नेभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమ అతనాు న్యభ్యో నమః. ண ஆட் வய் யத ண꞉
नमिः॑ आिः॒ यच्िः॑ द्भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమ అయచఛ ద్భ్య ో నమః ண ஆதச்ச²ட்³் யத ண꞉
ग्नविः॒सृजद्भ्यिः॑
िः॒ श्िः॒ नमःिः॑ । విసృజదయ ో శ్ై నమః விஸ்யʼட்³் தஶ்ச ண꞉
नमोिः॒ अश्वे᳚भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో ఄశేు ᳚భ్యో నమః யண அஶ்யவ்᳚யத ண꞉
तृ ꣳहतीभ्यिः॑
िः॒ श्िः॒ नमःिः॑ । తృꣳహతీభో శ్ై నమః ட்யʼꣳஹதீ் தஶ்ச ண꞉
नमोिः॑ गृत्से
िः॒ भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో గృతే్ భ్యో నమః யண ை்³யʼட்யஸ் யத ண꞉
गृत्सपिः॑
िः॒ ग्नतभ्यश्िः॒ नमःिः॑ । గృత్ పతిభో శ్ై నమః ை்³யʼட்ஸதி் தஶ்ச ண꞉
नमोिः॒ व्राते ᳚भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో వ్రరాతే᳚భ్యో నమః யண வ் யட்᳚யத ண꞉
नमोिः॑ गिः॒णेभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో గణేభ్యో నమః யண ை³யஞ் யத ண꞉
नमोिः॒ ग्नवरू
िः॑ पेभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో విరూపేభ్యో నమః யண வியய் யத ண꞉
नमोिः॑ मिः॒हद्भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో మహద్భ్య ో నమః யண ணஹட்³் யத ண꞉
क्षयल्रिः॒
िः॒ केभ्यिः॑श्िः॒ नमःिः॑ । క్షులకే
ె భో శ్ై నమః ுை் ையை் தஶ்ச ண꞉
नमोिः॑ रिः॒ग्नथभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో రథిభ్యో నమః யண தி²் யத ண꞉
नमोिः॒ रथे ᳚भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో రథే᳚భ్యో నమః யண யட²்᳚யத ண꞉
नमःिः॑ क्षिः॒त्तृभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమః క్షతీృభ్యో నమః ண꞉ ட்ட்யʼ் யத ண꞉
नमःिः॒ कयलािः॑ लेभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమః కులాలేభ్యో నమః ண꞉ குையை் யத ண꞉
नमिः॑ इियक
िः॒ ृ द्भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమ ఆషుకృద్భ్య ో నమః ண இஷுை்யʼட்³் யத ண꞉
धिः॒न्रिः॒कृद्भ्यिः॑ श्िः॒ नमःिः॑ । ధను కృదయ ో శ్ై నమః ட் வை்யʼட்³் தஶ்ச ண꞉
नमोिः॑ मृगिः॒ययभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో మృగయుభ్యో నమః யண ண் யʼை³யு் யத ண꞉
नमःिः॒ श्वभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమః శ్ు భ్యో నమః ண꞉ ஶ்வ் யத ண꞉
नमोिः॑ भिः॒वायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో భవ్యయ చ నమః யண வத ச ண꞉
पिः॒शयपतिः॑
िः॒ ये चिः॒ नमःिः॑ । పశుపతయే చ నమః . ஶுடயத ச ண꞉ .
नमोिः॒ नीलिः॑ र्ग्ीवाय चिः॒ नमःिः॑ । నమో నీలగ్రీవ్యయ చ నమః யண ைை்³வத ச ண꞉
नमःिः॑ कपिः॒ग्नदरने िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః కపర ిన్య చ నమః ண꞉ ை்தி³ய ச ண꞉
शिः॒ तधिः॑न्रने चिः॒ नमःिः॑ । శ్తధను న్య చ నమః ஶடட் வய ச ண꞉ .
नमोिः॑ ग्नगररिः॒शायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో గిరశయ చ నమః யண கி³ஶத ச ண꞉
नमो᳚ ह्रस्वायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో᳚ క్హాు య చ నమః யண᳚ ஹ்ஸ்வத ச ண꞉
वािः॒मिः॒नायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । వ్యమనాయ చ నమః . வணத ச ண꞉ .
नमोिः॑ बृहिः॒ते चिः॒ नमःिः॑ । నమో బృహతే చ నమః யண ் ³யʼஹயட ச ண꞉
विजयसे
िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । వీ ీయసే చ నమః வ்ஷீதயஸ ச ண꞉ .
नमोिः॑ वृद्धायिः॑
िः॒ चिः॒ नमःिः॑ । నమో వృదాాయ చ నమః யண வ் யʼட்³டத ச ண꞉
संिः॒वृध्रिः॑ने चिः॒ नमःिः॑ । సంవృధు న్య చ నమః ஸண் ʼவ் யʼட்வய ச ண꞉ .
नमोिः॒ अग्नर्ग्िः॑याय चिः॒ नमःिः॑ । నమో ఄగ్రరయాయ చ నమః யண அை்³தத ச ண꞉
नमिः॑ आिः॒ शवे िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమ అశ్వే చ నమః ண ஆஶயவ ச ண꞉
नमःिः॒ शीग्नििः॑याय चिः॒ नमःिः॑ । నమః రఘ్రరయాయ చ నమః ண꞉ ஶ ை்தத ச ண꞉
नमःिः॑ स्त्रोतिः॒ स्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః స్త్రీతాో య చ నమః ண꞉ ஸ்ட்யடஸ்தத ச ண꞉
नमो᳚ ज्येिः॒ष्ठायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో᳚ జ్యో ష్టఠయ చ నమః யண᳚ ் யதஷ்²த ச ண꞉
नमःिः॑ पूवरिः॒जायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః పూరు జాయ చ నమః ண꞉ பூ்வத ச ண꞉
नमोिः॑ मध्यिः॒मायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో మధో మాయ చ నమః யண ணட்தணத ச ண꞉
नमोिः॑ जघिः॒न्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో జఘనాో య చ నమః யண ை்தத ச ண꞉
नमःिः॑ सोिः॒भ्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః రభాో య చ నమః ண꞉ யஸ் தத ச ண꞉
नमोिः॒ याम्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో యామాో య చ నమః யண தண் தத ச ண꞉
क्षेम्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । క్షేమాో య చ నమః யண் தத ச ண꞉ .
नमिः॑ उवरिः॒यार यिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమ ఈరు రాో య చ నమః ண உ்வ்தத ச ண꞉
नमःिः॒ श्लोक्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః ోెకాో య చ నమః ண꞉ ஶ்யைை்தத ச ண꞉
नमोिः॒ वन्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో వనాో య చ నమః யண வ்தத ச ண꞉
नमःिः॑ श्रिः॒वायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః క్శ్వ్యయ చ నమః ண꞉ ஶ்வத ச ண꞉
नमःिः॒ शू रािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః శూరాయ చ నమః ண꞉ ஶூத ச ண꞉
नमोिः॑ विः॒ग्नमरणे िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో వరా ణే చ నమః யண வ்பயஞ ச ண꞉
विः॒रू
िः॒ ग्नथने िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । వరూథిన్య చ నమః வயதி²ய ச ண꞉ .
नमोिः॑ ग्नबिः॒नल्मने िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో బిల్మా న్య చ నమః யண பி³ை் பய ச ண꞉
नमिः॑श्श्श्रयतायिः॑
िः॒ चिः॒ नमःिः॑ । నమక్శుశ తాయ చ నమః ணஶ்ஶ்யடத ச ண꞉
श्रयतिः॒
िः॒ सेिः॒नायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । శ్రరుతసేనాయ చ నమః ஶ்யடயஸத ச ண꞉ .
नमोिः॑ दय न्त्र्दयभ्यािः॑
िः॒ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో దుందుభాో య చ నమః யண து³்து³் தத ச ண꞉
नमोिः॑ धृष्णवे
िः॒ िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో ధృష్వే
ణ చ నమః யண ட்யʼஷ்ஞயவ ச ண꞉
प्रिः॒मृशायिः॑
िः॒ चिः॒ नमःिः॑ । క్పమృశయ చ నమః . ் ண் யʼஶத ச ண꞉ .
नमोिः॑ दू तायिः॑
िः॒ चिः॒ नमःिः॑ । నమో దూతాయ చ నమః யண தூ³டத ச ண꞉
नमोिः॑ ग्ननििः॒ग्नङ्गणे िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో నిష్ంగిణే చ నమః யண ஷங் கி³யஞ ச ண꞉
इिः॒ियग्निः॒ धिः॒मते िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । ఆషుధిమతే చ నమః . இஷுதிணயட ச ண꞉ .
आिः॒ ययग्निः॒ धने िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । అయుధిన్య చ నమః ஆயுதிய ச ண꞉ .
नमःिः॑ स्वाययधायिः॑
िः॒ चिः॒ नमःिः॑ । నమః ాు యుధాయ చ నమః ண꞉ ஸ்வயுடத ச ண꞉
सयधन्रिः॑
िः॒ ने चिः॒ नमःिः॑ । సుధను న్య చ నమః . ஸுட் வய ச ண꞉ .
नमःिः॒ स्रयत्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః స్రరుతాో య చ నమః ண꞉ ஸ்யட்தத ச ண꞉
नमःिः॑ कािः॒यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః కాట్యో య చ నమః ண꞉ ை்தத ச ண꞉
नमोिः॑ नािः॒द्यायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో నాదాో య చ నమః யண ட்³தத ச ண꞉
नमःिः॒ कूप्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః కూప్యో య చ నమః ண꞉ கூ் தத ச ண꞉
नमोिः॒ वष्यार यिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో వరాీో య చ నమః யண வ்ஷ்தத ச ண꞉
नमोिः॑ मेिः॒र्घ्ािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో మేఘాో య చ నమః யண யணை்தத ச ண꞉
ग्नविः॒द्ययत्यािः॑
िः॒ य चिः॒ नमःिः॑ । విదుో తాో య చ నమః . விட்³யுட்தத ச ண꞉ .
नमोिः॒ वात्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో వ్యతాో య చ నమః யண வட்தத ச ண꞉
नमोिः॑ वास्तिः॒व्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో వ్యసీవ్యో య చ నమః யண வஸ்டவ் தத ச ண꞉
वास्तयपायिः॑
िः॒ चिः॒ नमःिः॑ । వ్యసుీప్యయ చ నమః வஸ்துத ச ண꞉ .
नमःिः॑ शिः॒ ङ्गायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః శ్ంగాయ చ నమః ண꞉ ஶங் ை³த ச ண꞉
पिः॒शयपतिः॑
िः॒ ये चिः॒ नमःिः॑ । పశుపతయే చ నమః ஶுடயத ச ண꞉ .
नमोिः॑ अर्ग्ेविः॒धायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమో ఄగ్రరేవధాయ చ నమః யண அை்³யவடத ச ண꞉
नमोिः॑ हिः॒न्त्रे चिः॒ नमःिः॑ । నమో హంత్రరే చ నమః யண ஹ்ட்ய ச ண꞉
नमोिः॑ वृक्षे
िः॒ भ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో వృక్షేభ్యో నమః யண வ் யʼய் யத ண꞉
नमिः॑श्शंिः॒भवे िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమశ్శ ంభవే చ నమః ணஶ்ஶண் யவ ச ண꞉ .
नमःिः॑ ग्नशिः॒वायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః శివ్యయ చ నమః ண꞉ ஶவத ச ண꞉ .
नमःिः॑ पािः॒यार यिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః ప్యరాో య చ నమః ண꞉ ்தத ச ண꞉ .
नमःिः॑ प्रिः॒तरिः॑ णाय चिः॒ नमःिः॑ । నమః క్పతరణయ చ నమః ண꞉ ் டஞத ச ண꞉ .
नमःिः॒ शष्ट्प्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః శ్ష్టప ో య చ నమః ண꞉ ஶஷ்் தத ச ண꞉ .
नमःिः॑ ग्नसकिः॒त्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః స్కతాో య చ నమః ண꞉ ஷுைட்தத ச ண꞉ .
नमःिः॑ इररिः॒ण्ािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః ఆరణో య చ నమః ண꞉ இஞ்தத ச ண꞉
नमःिः॑ ग्नक ᳚ग्नशिः॒लायिः॑ चिः॒ నమః కి ᳚శిలాయ చ నమః ண꞉ கி ᳚ஶைத ச ண꞉
नमःिः॑ ।
क्षयिः॑णाय चिः॒ नमःिः॑ । క్షయణయ చ నమః தஞத ச ண꞉ .
नमःिः॑ कपिः॒ग्नदरने िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః కపర ిన్య చ నమః ண꞉ ை்தி³ய ச ண꞉
पयलिः॒
िः॒ स्तये िः॑ चिः॒ नमःिः॑ । పులసీయే చ నమః . புைஸ்டயத ச ண꞉ .
नमोिः॒ गोष्ट््ािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో గోష్టఠో య చ నమః யண யை³ஷ்்²தத ச ண꞉
नमःिः॑ कािः॒यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః కాట్యో య చ నమః ண꞉ ை்தத ச ண꞉
नमो᳚ ह्रदिः॒ य्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమో᳚ క్హదయాో య చ నమః யண᳚ ஹ்ட³த் தத ச ண꞉
नमःिः॒ शय ष्ट्क्यािः॑ य चिः॒ नमःिः॑ । నమః శుష్టక ో య చ నమః ண꞉ ஶுஷ்ை்தத ச ண꞉
नमिः॑ ऊिः॒व्यार यिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమ ఉరాు ో య చ నమః ண ஊ்வ் தத ச ண꞉
सूम्यार
िः॒ यिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । సూరాా ో య చ నమః ஸூ்ண்தத ச ண꞉ .
नमःिः॑ पिः॒ण्ार यिः॑ चिः॒ नमःिः॑ । నమః పరాణో య చ నమః ண꞉ ்ஞ்தத ச ண꞉
नमोिः॑पगयरमािः॑
िः॒ णाय चिः॒ नमःिः॑ । నమోపగురమాణయ చ నమః யணகு³ணஞத ச ண꞉
देिः॒ वानािः॒ ᳚
॑िः॒ रॄदिः॑ येभ्योिः॒ नमःिः॑ । யட³வꣳ ஹ்யʼட³யத் யத ண꞉
नमोिः॑ ग्नवक्षीणिः॒ केभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో విక్షీణ్కేభ్యో నమః யண விக்ஷீஞயை் யத ண꞉
नमोिः॑ ग्नवग्नचन्रिः॒ त्केभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమో విచిను తేక భ్యో నమః யண விசி் வட்யை் யத ண꞉ .
नमिः॑ आग्ननहरिः॒ तेभ्योिः॒ नमःिः॑ । నమ అనిర హతేభ్యో నమః ண ஆ்ஹயட் யத ண꞉
देिः॒ वानािः॑ मग्नसिः॒। सग्नस्निः॑तमंिः॒ पग्नप्रिः॑तमंिः॒ जय ष्टिः॑तमंिः॒ वग्नह्निः॑तमं देिः॒ वरॆतिः॑ मिः॒मरॄिः॑ तमग्नस हग्नविः॒धार नंिः॒
दृ गंꣳहिः॑ स्विः॒ माह्वा᳚ग्नमरिः॒िस्यिः॑ िािः॒ चक्षयिः॑िािः॒ प्रेक्षेिः॒ माभेमार संग्नविः॑क्ािः॒ मा िािः॑ ग्नहꣳग्नसिम् ॥
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धूि पाप नमोस्तुिे । ॐ बलाय नमः । उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः
पञ्च हारशि दीपं Pancha hArathy dEpam(we can show deepam with 5 wicks) BLUE colour =Optional But if
ॐ। पञ्चिः॑ रॆतो हिः॒वै नामैिः॒िः । तं वा एिः॒तं पञ्चिः॑ रॆतिः॒ ꣳ स्म्िः॑' । पञ्चिः॑होिः॒तेत्याचिः॑क्षते परोिः॒क्षेण
िः॑ । पिः॒रोक्षिः॑ग्नप्रया इविः॒
ग्नह देिः॒ वाः ॥ उमा महे श्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः पञ्च हारशत दीपं
गायिी दीपं GAyathri dEpam (we can show kumba harathy or Eka harathy or plate harathy)
गािः॒यिः॒िो वै पणरिः॒ ः । गायिाः िः॒ पिवः । तस्मािः॒त् िीग्नणिः॑ िीग्नणिः॑ । पणरिः॒ स्य पलािः॒शाग्ननिः॑ । ग्नििः॒पदािः॑ गायिः॒िी ॥ उमा
महे श्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः गायिी दीपं दिियाशम दीपानन्त्ं
आचमशनयम् समपि याशम पु ष्पैशह पू जयाशम ॥
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ब्रािः॒ह्मिः॒णो᳚ऽस्यिः॒ मयखिः॑मासीत् । बािः॒रॆ रािः॑ जिः॒न्यिः॑ ः कृिः॒तः । ऊिः॒रू तदिः॑ स्यिः॒ यवै यिः॑ः । पिः॒द्भ्याꣳ शू द्रो
िः॒ अिः॑जायत।
आद्रां यः कररणीं यग्नष्टं सयवणां हे ममाग्नलनीम् ।सूयां ग्नहरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
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उद्दी᳚प्यस्व जातवेदोऽपिः॒घ्नग्नन्नरृिः॑ ग्नतंिः॒ ममिः॑ । पिः॒शूꣳश्िः॒ मह्यिः॒माविः॑हिः॒ जीविः॑नं चिः॒ ग्नदशोिः॑ ग्नदश । मािः॑ नो
ग्नहꣳसीज्जातवेदोिः॒ गामश्वंिः॒ पयरुिः॑िंिः॒ जगिः॑त् । अग्नबिः॑भ्रिः॒दििः॒ आगिः॑ग्नह ग्नश्रिः॒या मािः॒ पररिः॑ पातय ॥
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दीपं ग्नह परमं शम्भो घृत प्रज्वग्नलतं मया । दत्तं गृहाण दे वेश मम ज्ञानप्रद भव ॥ॐ नमः ग्नशवाय । दीपं
दशर याग्नम ॥
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साज्यं शिवशति संयुिं वशिना योशजतुं मया | गृहाण मङ्गलं दीपं िैलोक्य शतशमरापहम् ||
भक्त्या दीपं प्रयश्चाशम दे वाय परमात्मने |िाशह मां नरकात् घोरात् दीपं ज्योशतर् नमोस्तुते ||
(Variation: दीपं गृहाण दे वेि िैलोक्य शतशमरापहम्.॥) दीपं गृहाण दे वेिवशतििय समक्तन्रतम्
अन्धकारे नमस्तुब्यं अज्ञानं शवशनवतिय । ॐ श्री बलप्रमथनाय नमः । उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री
साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः एक हारशि दीपं दिु याशम दीपानन्त्ं आचमशनयम् समपुयाशम
पुष्ैशह पूजयाशम
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नक्षि हारशि दीपं (अलङ्कार दीपं ) Nakshatra hArathy dEpam (this is 3 or 5 tier or 7 tier alankara deepam)
भूररत्यिः॒िौ प्रग्नतिः॑ग्नतष्ठग्नत । भयविः॒ इग्नतिः॑ वािः॒यौ । सयविः॒ररत्यािः॑ ग्नदिः॒त्ये । महिः॒ इग्नतिः॒ ब्रह्मिः॑ ग्नण । आिः॒ प्नोग्नतिः॒ स्वारािः॑ ज्यम् ।
आिः॒ प्नोग्नतिः॒ मनसिः॒स्पग्नतिः॑'म् । वाक्पिः॑ग्नतिः॒श्क्षयिः॑ष्पग्नतः । श्रोििः॑पग्नत - ग्नवरिः॒ज्ञानिः॑पग्नतः । एिः॒तत्ततोिः॑ भवग्नत । आिः॒ कािः॒श -
शिः॑ रीरं िः॒ ब्रह्मिः॑ । सिः॒त्यात्मिः॑ - प्रािः॒णारामंिः॒ मनिः॑ आनन्दम्। शान्िः॑ समृद्ध -मिः॒मृतम्िः॑' ॥ इग्नत प्राचीनयोिः॒ग्योपािः॑ 'स्व ॥
उमा महे श्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः नक्षि हारशत दीपं दिियाशम
दीपानन्त्ं आचमशनयम् समपियाशम पु ष्पैशह पू जयाशम ॥
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ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः पूणरकयम्भ दीपं प्रदशर याग्नम दीपानन्त्ं आचमशनयम्
नैवेद्यं NaivEdhyam
चिः॒न्द्रमािः॒ मनिः॑सो जािः॒तः । चक्षोः िः॒ सूयग िः॑ अजायत । मयखािः॒ग्नदन्द्रिः॑श्ािः॒ग्निश्िः॑ । प्रािः॒णावािः॒ययरिः॑जायत ।
आद्रां यः कररणीं यग्नष्टं ग्नपङ्गलां पद्ममाग्नलनीम् । चन्द्रां ग्नहरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
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भोः ! स्वाग्नमन् भोजनाथं आगश्ाग्नद ग्नवज्ञाप्य (request Lord to come for dinner)
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ॐ भूभयरविः॒स्सयविः॑ः तत्सग्नविः॒तयवररे᳚ण्ंिः॒ भगग िः॑ देिः॒ वस्यिः॑ धीमग्नह ग्नधयोिः॒ यो नःिः॑ प्रचोिः॒दया᳚त् ॥ दे व सशवतः प्रसुव । सिः॒त्यं
अिः॒मृतोिः॒
िः॒ पिः॒स्तरिः॑ णमग्नस ॥ ॐ प्रािः॒णायिः॒ स्वाहा᳚ । ॐ अिः॒पािः॒नायिः॒ स्वाहा᳚ । ॐ व्यािः॒नायिः॒ स्वाहा᳚ ।
ॐ उिः॒ दािः॒नायिः॒ स्वाहा᳚ । ॐ सिः॒मािः॒नायिः॒ स्वाहा᳚ । ॐ ब्रह्मिः॑ णे स्वािः॒हा ॥
शाल्यन्नं पायसं क्षीरं लड् ढयकान् मोदकानग्नप फलाशन च। शनवेद्यं संगृहानेि शनत्य तृि नमोस्तुते
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नै वेद्यं गृह्यतां दे व भक्तिं मे ह्यचलां कुरु । शिवेक्तितं वरं दे शह परि च परां गशतम्.ह् ॥
श्री सदाग्नशवं नमस्तयभ्यं महा नैवेद्यं उत्तमम् । संगृहाण सयरश्रेष्ठ भनक्त मयनक्त प्रदायकम् ॥
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उमा महे श्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । महा नैवेद्यं समपरयाग्नम मध्ये मध्ये
अिः॒मृतािः॒
िः॒ ग्नपिः॒धािः॒नमिः॑ग्नस । ॐ नमः ग्नशवाय । उत्तरापोशनं समपरयाग्नम । नैवेद्यानन्तरं आचमनीयं समपियाशम
अमृता शपधा नमशस हस्तप्रक्षाळनं समपरयाग्नम । पादप्रक्षाळनं समपरयाग्नम ।
उमा महे श्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः ।महाफलं समपियाशम |
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कूष्मान्ड मातुशलङ्गं च ककिठी दाशडमी फलम् | रम्बा फलं जम्बीरं बदरं तथा ||
उमा महे श्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । फलाष्टकं समपियाशम ||
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करोद्विुनम्
करोद्ऱतिनकं दे वमया दत्तं शह भक्तितः | चारु चंद्र प्रभां शदव्ं गृहाण जगदीश्वर ||
उमा महे श्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । करोद्ऱतिनाथे चंदनं समपियाशम ||
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िाम्बूलं ThAmbUlam
नाभ्यािः॑ आसीदिः॒ ्ररिः॑ क्षम् । शीिः॒ष्णग द्यौः समिः॑वतर त । पिः॒द्भ्यां भूग्नमिः॒ग्नदरशिः॒ ः श्रोिा᳚त् ।तथािः॑ लोिः॒काꣳ
अिः॑कल्पयन्।
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगाग्नमनीम्। यस्यां ग्नहरण्ं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वानन्रन्दे यं पयरुिानहम्
उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । कपूुर िाम्बूलं समपरयाग्नम ॥
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सवार ग्निः॑ ण रू
िः॒ पाग्नणिः॑ ग्नविः॒ग्नचत्यिः॒ धीरःिः॑ ।नामािः॑ ग्नन कृिः॒िाऽग्नभिः॒वदिः॒ न् यदास्ते᳚ ।
यः शय ग्नचः प्रयतो भूिा जय रॅयादाज्य मन्रहम् ।ग्नश्रयः पञ्चदशचं च श्रीकामः सततं जपेत् ॥
पद्मानने पद्म ऊरू पद्माक्षी पद्मसम्भवे ।िं मां भजस्व पद्माक्षी येन सौख्यं लभाम्यहम् ॥
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चक्षुतं सविलोकानां शतशमरस्य शनवारणम्.ह् । आशदि ग्यं कक्तल्पतं भक्त्या गृहाण परमेश्वर ॥
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अचरत प्राचरत ग्नप्रय मे दासो अचरत । अचर्य पयि का वतपयरन्न धृष्ण वचरत ॥
न ति सूयग भाग्नत न चिः॑न्द्रतािः॒रिः॒कंिः॒ नेमा ग्नवद् ययतो भान् कयतोिः॑ऽयमिः॒ग्निः । तमेव भा्मनयभािः॑ ग्नत सिः॒वंिः॒ तस्य
भासा सवरग्नमदं िः॑ ।। उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । कपूुर नीराजन
श्रीयै जातः ग्नश्रय अग्ननररयाय ग्नश्रयं वयो जररिभ्यो ददाग्नत ग्नश्रयं वसाना अमृतत्त्व मायन् भवंग्नत सत्या
सग्नमधा ग्नमतद्रौ
ग्नश्रय येवैनं तत् ग्नश्रया मादधाग्नत संतत मृचा विट् कृत्यं संततं संधीयते प्रजया पशय ग्नभः ययेवं वेद ॥
षोडि उपचार पू जा
धािः॒ता पयरस्तािः॒
िः॒ द्यमयिः॑दाजिः॒ हारिः॑ । शिः॒ रेः प्रग्नविः॒वान्प्रिः॒ग्नदशिः॒ श्तिः॑ स्रः । तमेिः॒वं ग्नविः॒वानिः॒मृतिः॑ इिः॒ह भिः॑वग्नत । नान्यः पन्ािः॒
अयिः॑नाय ग्नवद्यते ।
ॐ सवरव्याग्नपने नमः । उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । समस्त मन्त्र
उपचार, िल्लि उपचार, राज उपचार, दे व उपचार, भल्लक्त उपचाराञ्च पूजां समपरयाग्नम ॥
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हारशि HArathy
Typically ladies can sing a traditional harathy song
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यिः॒ज्ञेनिः॑ यिः॒ज्ञमिः॑यज् देिः॒ वाः ।ताग्ननिः॒ धमार ग्निः॑ ण प्रथिः॒ मान्यािः॑ सन्।
ते हिः॒ नाकंिः॑ मग्नहिः॒मानःिः॑ सच्े । यििः॒ पूवेिः॑ सािः॒ध्याः सन्िः॑ देिः॒ वाः ।
आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। आपोिः॒ वा अिः॒िेरािः॒यतिः॑ नम् । आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। य एिः॒वं वेदिः॑। योिः॑ऽपामािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑।
आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। वािः॒ययवार अिः॒पामािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। वािः॒योरािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑। आिः॒ यतिः॑ नवान्
भवग्नत ॥
आपोिः॒ वै वािः॒योरािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत ।य एिः॒वं वेदिः॑ । योिः॑ऽपामािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑ । आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत।
अिः॒सौ वै तपिः॑न्निः॒पामािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। योिः॑ऽमयष्यिः॒ तपिः॑त आिः॒ यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत।
आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत । यश्िः॒न्द्रमिः॑स आिः॒ यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑ । आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत । आपोिः॒ वै चिः॒न्द्रमिः॑स आिः॒ यतिः॑ नम्।
य एिः॒वं वेदिः॑। योिः॑ऽपामािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। नक्षिः॑िाग्नणिः॒ वा अिः॒पामािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान्
भवग्नत। यो नक्षिः॑िाणामािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। आपोिः॒ वै नक्षिः॑िाणामािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान्
योिः॑ऽपामािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेद ॑िः॑ । आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत पिः॒जरन्योिः॒ वा अिः॒पामािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत । यः
पिः॒जरन्यिः॑स्यािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑ । आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत ।आपोिः॒ वै पिः॒जरन्यिः॑स्यािः॒ऽऽयतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत ।
आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। संिः॒विः॒त्सिः॒रो वा अिः॒पामािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। यस्सं िः॑वत्सिः॒ रस्यािः॒यतिः॑ नंिः॒ वेदिः॑।
आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। आपोिः॒ वै सं िः॑वत्सिः॒ रस्यािः॒यतिः॑ नम्। आिः॒ यतिः॑ नवान् भवग्नत। य एिः॒वं वेदिः॑। यो᳚ऽप्य नावंिः॒
रािः॒जािः॒ग्नधिः॒रािः॒जायिः॑ प्रसह्यसािः॒ग्नहने ᳚ । नमोिः॑ विः॒यं वै᳚श्रविः॒णायिः॑ कयमरहे । स मेिः॒ कामािः॒न् कामिः॒कामािः॑ यिः॒ मह्य᳚म् ।
ॐ तत् ब्रह्म । ॐ तत् वायुरॅ । ॐ तत् आत्मा । ॐ तत् सत्यं । ॐ तत् सवं । ॐ तत् पुरोनिमह ।
अन्तस चरशत भूतेषु गुहायां शवश्व मुशतिसु ।त्वं यज्ञस्त्वं वषट् कारस्त्वं इन्द्स्त्वगं रुद्रस्त्वं शवष्णुस्त्वं ब्रह्मत्वं
ग्नविः॒शन्िः॑ । वेिः॒दािः्॒िः॒ग्नविः॒ज्ञानिः॒ सयग्ननिः॑ग्नश्तािः॒थार ः संन्यािः॑ स योिः॒गाद्यतिः॑ यः शय द्धिः॒सत्त्वािः॑ '॑ः । ते ब्रिः॑ह्मलोिः॒के तय िः॒ परािः॑ ्कालेिः॒
परािः॑ मृतािः॒त् पररिः॑ मयच्यन्िः॒ सवेिः॑ ' । दिः॒ ह्रंिः॒ ग्नविः॒पािः॒पं पिः॒रमे'िः॑ िभूतंिः॒ यत्पयिः॑ण्डरीिः॒कं पयरमिः॑
िः॒ ध्यसिः॒ꣳस्थम् । तिः॒ िािः॒ग्नपिः॒ दिः॒ ह्रं
गिः॒गनं िः॑ ग्नवशोकंिः॒ तनस्मिः॑न् यदिः॒ ्स्तदय पािः॑ ग्नसतिः॒ व्यम् । यो वेदादौ स्विः॑रः प्रोिः॒क्तोिः॒ वेिः॒दा्े िः॑ च प्रिः॒ग्नतग्नष्ठिः॑तः । तस्यिः॑
ग्नवद्या बयनद्ध धनैश्वयर पयि पौिाग्नद सम्पदः । पयष्पां जग्नल प्रदानेन दे ग्नहमे ईनप्तं वरम् ॥
नमोऽस्त्ऱनंताय सहस्र मूतरये सहस्र पादाग्नक्ष ग्नशरोरु बाहवे । सहस्रनाम्ने पयरुिाय शाश्वते सहस्र कोटी
ययगधाररणे नमः ॥
ॐ नमो महद्भ्यो नमो अभरकेभ्यो नमो ययवभ्यो नमो आसीनेभ्यः । यजां दे वान्य ग्नदशरेवा ममा जायसः
शं समावृग्नक्षदे व ॥
ॐ ममत्तयनः पररज्ञावसरः ममत्तय वातो अपां व्रशन्रान् ।ग्नशशीतग्नमन्द्रा पवरता ययवन्नस्थन्नो ग्नवश्वेवररवस्य्य
दे वाः ॥
ॐ कथात अिे शय चीयंत अयोदर दाशय वार जे ग्नभराशय शानः ।उभेयत्तोकेतनये दधाना ऋतस्य सामनृणयंत
दे वाः ॥
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पयार ग्नयस्यात् सावर भोंअः सावार ययशः अंतादा पराधार त् पृग्नथव्यै समयद्र पयर्ाय एकराग्नलग्नत तदप्येश
उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । मन्त् पुष्ं समपुयाशम ॥
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प्रदशक्षणं Pradakshinam
नाभ्यािः॑ आसीदिः॒ ्ररिः॑ क्षम् । शीिः॒ष्णग द्यौः समिः॑वतर त ।पिः॒द्भ्यां भूग्नमिः॒ग्नदरशिः॒ ः श्रोिा᳚त् ।
तथािः॑ लोिः॒काꣳग्ंअिः॑कल्पयन्।
आिः॒ द्रां यःिः॒ कररिः॑ णीं यिः॒ग्नष्टिः॒ं ग्नपिः॒ङ्गिः॒लां पिः॑द्ममािः॒ग्नलनीम् । चिः॒न्द्रां ग्नहिः॒रण्मिः॑यीं लिः॒ क्ष्मीं जातिः॑ वेदो मिः॒ आविः॑ह ॥
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प्रदग्नक्षण ग्नियं दे व प्रयत्नेन मया कृतम् । ते न पापाग्नण सवार ग्नण ग्नवनाशाय नमोऽस्तयते ॥
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याग्नन काग्नन च पापाग्नन जन्मा्र कृताग्नन च ।ताग्नन ताग्नन ग्नवनयन् प्रदग्नक्षणे पदे पदे ॥
पदे पदे या पररपूजकेभ्यः सद्यो ऽश्वमेधाशद (ऽश्वमेध + आिः॒ शद फल ददाशत)। तां सवि पाप क्षय हे तुभूतां
उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । प्रदशक्षणान् समपुयाशम ॥
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नमस्कारं NamaskAram
यिः॒ज्ञेनिः॑ यिः॒ज्ञमिः॑यज् देिः॒ वाः ।ताग्ननिः॒ धमार ग्निः॑ ण प्रथिः॒ मान्यािः॑ सन्।
ते हिः॒ नाकंिः॑ मग्नहिः॒मानःिः॑ सच्े । यििः॒ पूवेिः॑ सािः॒ध्याः सन्िः॑ देिः॒ वाः ।
महादे व नमस्तेस्तु मन्मथारे नमोSस्तु ते। अम्रुतेि नमस्तुभ्यम् आशश्रताथि प्रदाशयने।। नमस्कारान्
समपियाशम
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नमो नमो शम्भो नमो नमो जगत्पते । नमो नमो जगत्साग्नक्षण् नमो नमो ग्ननरञ्जन ॥
महे श्वर हरे शान सयवनाक्ष वृिाकपे । दक्ष यज्ञ क्षयकर काल रुद्र नमोऽस्तयते ॥
उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः |नमस्कारान् समपरयाग्नम ॥
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नमः सवि शहताथाि य जगदाधार हे तवे | साष्टाङ्गोयं प्रणामस्ते प्रयिेन मया कृतः ||
ऊरुसा शिरसा दृष्ट्वा मनसा वाचसा तथा | पद्भ्ां कराभ्यां जानुभ्यां प्रणामोष्टाङ्गं उच्यते ||
नमस्तेऽस्तय भगवनन्रश्वे श्वराय महादे वाय यम्बकाय ग्निपय रा्काय ग्निकाग्निकालाय कालाग्निरुद्राय
नीलकण्ठाय मृत्ययञ्जयाय सवेश्वराय सदाग्नशवाय श्रीमन्महादे वाय नमः
उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । नमस्कारान् समपुयाशम ||
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प्राथुना (prarthana)
ग्नकं न जानाग्नस दे वेश ियी भनक्तं प्रयश् मे । स्वपादार्ग्तले दे व दास्यं दे ग्नह जगत्पते ॥
सकारणमशे िस्य जगतः सवरदा ग्नशवः । गो ब्राह्मण नृपाणां च ग्नशवं भवतय मे सदा ॥
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पयिान् दे ग्नह यशो दे ग्नह ग्नवद्यां दे ग्नह संपदं दे ग्नह िाश्वतीं । त्वयी भक्तिं च मे दे ग्नह । परिच पराङ्गग्नतं
ज्ञानं दे ग्नह यशो दे ग्नह ग्नववेकं बयनद्धमेव च । वैराग्यं च ग्नशवां ग्नवद्यां ग्ननमरलां भनक्तमन्रहम् ॥
उमा महेश्वराय नमः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः । इशि प्राथुना ॥
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िुिाम्बरधरं शवि्ः णुं िशिवणं चतुभुिजं । प्रसन्न वदनं द्यायेत् सविशवनोपिान्तये ॥ ममोपात्त समस्त
दु ररत क्षयद्ऱार श्री परमेश्वर प्रीत्यत्तं । अद्य पूवगक्त ग्नवशे िण ग्नवग्नशष्टायां अस्यां शय भग्नतथौ श्री साम्ब
परमेश्वर प्रसादग्नसद्ध्यथं , मया चररत शिवराशि पूजा्े क्षीरार्घ्रप्रदानं उपायनदानं च कररष्ये ᳚ । श्री
साम्बसदाग्नशव प्रेरणया श्री साम्बसदाग्नशव प्रीत्यथं ग्नशवराग्नि व्रत सम्पूणर फल प्राप्यथं च साम्बपरमेश्वर
नमः शिवाय सविपापहरायच । शिवरािौ मया दत्तम् गृहाणार्घ्ं प्रसीत मे ॥ ॐ उमा महे श्वराय नमः ।
धमरस्त्ऱं वृि रूपेण जगदानन्दकारक ।अष्टमूतैरग्नधष्ठानं अथः पाग्नह सनातन । श्री वृिभाय नमः ।
नमशिवाय साम्बाय सविपापहराय च। शिवरािौ मया दत्तम् इदमर्घ्िम् गृहाण भो।। मया
कृतान्यिेषाशण पापाशन नुद िम्कर। शिवरािौ मया ॐ श्री साम्बशिवाय नमः इदमर्घ्ं इदमर्घ्ं
इदमर्घ्ं ॥
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दु ः ख दाररद्र पापैश्च दग्तोहं पावितीपते । मां त्वं पाशह ,अहाभाहो गृहणार्घ्ं नमोस्तु ते ॥ ॐ उमा
आकािशदक् िरीराय ग्रहनक्षि माशलने । सुर शसन्धु शनवासाय दत्तमर्घ्िम् मया शिव।। ॐ श्री
कालरुद्र ग्नशव शम्भो कालात्मन् ग्निपयरां तक ।दय ररति सयरश्रेष्ठ गृहाणर्घ्ं सदाग्नशव ॥
व्ोमकेि नमस्तु भ्यं सोमात्मन् व्ोमरूशपणे। नक्षि माशलने दे व गृहाणार्घ्िम् इदं प्रभो।।
(Variation) नक्षिरुग्नपणे तय भ्यं ददाम्यर्घ्ं नमोऽस्तयते) ॐ उमा महे श्वराय नमः । ॐ श्री साम्बशिवाय
अक्तम्बकायै नमतुभ्यं नमस्ते दे शव पाविशत। गृहाणार्घ्िम् मया दत्तम् सुप्रीतो वरदा भव ।। अक्तम्बकायै
उमादे वी ग्नशवाधार ङ्गी जगन्मातृ गयणानत्मके । िाग्नह मां दे ग्नव सवेग्नि गृहाणार्घ्ं नमोऽस्तयते ॥
श्री गयणात्मन् ग्निलोकेशः ब्रह्मा ग्नवष्णय ग्नशवात्मक । अर्घ्ं चेदं मया दत्तं गृहाण गणनायक। ॥
सुब्रह्मण्य महाभाग काशतिकेय सुरोत्तम । गृहाणार्घ्िम् इदं दत्तम् सुप्रीतो वरदो भव।। सुब्रह्मण्याय
अन्ये न मया कृते न यथाज्ञेन यथाशक्त्या यथाग्नमग्नलतोपचार द्रव्यैः पूजन, ग्नशवराग्नि व्रतां गिेन
अर्घ्रप्रदानेन च भगवान् श्री सदाग्नशव प्रीयताम् । सवार त्मकः ॐ श्री साम्ब परमेश्वर स्वाशमने नमः
उमा महेश्वराय नमः सयप्रीतः सयप्रसन्नो वरदो भवतय ॥ ॐ तत्सत् श्री सदाग्नशवापरणमस्तय ॥
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वन्दे िम्भुमुमापशतं सुरगुरुं वन्दे जगिारणम्. वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं वन्दे पिूणाम् पशतम्. ।
वन्दे सूयि ििां कवशि नयनं वन्दे मुकुन्द शप्रयम्. वन्दे भि जनाश्रयञ्च वरदं वन्दे शिवं िङ्करम्. ॥
नमः शिवाभ्यां नव यौवनाभ्यां परस्पराक्तिष्ट वपुर् धराभ्याम्.ह् । नगेन्द् कन्या वृष केतनाभ्यां नमो
(make three rounds of sha.nkha with water like aarati and pour
इमां आपशिवतम इमं सविस्य भेषजे | इमां राष्टरस्य वशधिशन इमां राष्टर भ्रतोमत ||
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If priest is present, he must give.Otherwise eldest person should give. The manthra to be chanted while giving to
MALES:
अकाल मृत्यय हरणं सवरव्याग्नध ग्ननवारणं । सवरपापक्षयकरं (Variant: सवर पाप उपशमनं ) साम्ब
परमेश्वर स्वाशमपादोदकं शय भं ॥
FEMALES:
क्षमापणम् kshamApanam
Seeking forgiveness for any omissions and commissions and prayoing God to make the duty discharged, pUja
वन्दे िम्भुमुमापशतं सुरगुरुं वन्दे जगिारणम्.ह् वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं वन्दे पिूणाम् पशतम्.ह् ।
वन्दे सूयि ििां कवशि नयनं वन्दे मुकुन्द शप्रयम्.ह् वन्दे भि जनाश्रयञ्च वरदं वन्दे शिवं िङ्करम्.ह् ॥
नमः शिवाभ्यां नव यौवनाभ्यां परस्पराक्तिष्ट वपुर् धराभ्याम्.ह् । नगेन्द् कन्या वृष केतनाभ्यां नमो
यस्य स्मृत्या च नामोक्त्या तपः कायार ग्नरेयाग्नदिय । न्यू नं सम्पूणरतां याग्नत सद्यो वन्दे तमच्ययतम् ॥
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मन्त्रहीनं ग्नरेयाहीनं भनक्तहीनं सयरेश्वर (Variant जनादर न )। यत्पूग्नजतं मयादे व पररपूणं तदस्तय मे ॥
अपराध सहस्राग्नण ग्नरेय्ेऽहग्ननरशं मया । दासोऽयं इग्नत मां मिा क्षमस्व पयरुिोत्तम ॥
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अन्यथा शरणं नानस्त िमेव शरणं मम । तस्मात्कारुण्भावेन रक्ष रक्ष जगद् गयरो ॥
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यस्य स्मृत्या च नामोक्त्या तपः पूजा कृयाग्नदिय । न्यू नं सम्पूणरतां याग्नत सद्यो वन्दे तमच्ययतम् ॥
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मध्ये मन्त्र तन्त्र स्वर वणर ध्यान ग्ननयम न्यू न अग्नतररक्त लोप दोि प्रायग्नश्त्ताथं नामियजपमहं कररष्ये ॥
प्रायग्नश्त्तान्यशे िाग्नण तपः कमार त्मकाग्नन वै । याग्नन ते िामशे िाणां कृष्णानयस्मरणं परम् ॥ उमा महेश्वराय
िाल्लन्तः मन्त्:
Typically all present must chant shanthi manthram together. Could be led by priest
ब्रह्मणे । नमस्ते वायो । त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्माशस । त्वामेव प्रत्यक्षं ब्रह्म वशदष्याशम। कतं वशदष्याशम । सत्यं
िाक्तन्तः ॥
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शान्ः ॥
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व्यिेम दे वशहिं यदायूः । स्वल्लस्त न इिो वृिश्रवाः । स्वल्लस्त नः पूषा शवश्ववेदाः । स्वल्लस्त
ॐ वाङ्मेिः॒ मनिः॑ग्नसिः॒ प्रग्नतिः॑ग्नष्ठतािः॒ मनोिः॑ मेिः॒ वाग्नचिः॒ प्रग्नतिः॑ग्नष्ठतमािः॒ग्नवरािः॒वीमर िः॑ एग्नध वेिः॒दस्य मिः॒ आणी᳚स्थः श्रयतं
िः॒ मेिः॒ मा
प्रहािः॑ सीरिः॒नेनािः॒धीते न
िः॑ ाहोरािः॒िान् सन्दिः॑ धाम्यृतंिः॒ विः॑ग्नदष्याग्नम सिः॒त्यं विः॑ग्नदष्याग्नमिः॒ तन्मामिः॑वतय िः॒ तविः॒क्तारिः॑ मविः॒िविः॑तय िः॒
ॐ नमोिः॒ ब्रह्मिः॑ णेिः॒ नमोिः॑ अस्त्ऱिः॒ियेिः॒ नमःिः॑ पृग्नथिः॒व्यै नमिः॒ ओििः॑धीभ्यः ।नमोिः॑ वािः॒चे नमोिः॑ वािः॒चस्पतिः॑ येिः॒ ग्नवष्णिः॑ वे बृहिः॒ते
ॐ तच्ंिः॒ योरावृिः॑णीमहे । गािः॒तयं यिः॒ज्ञायिः॑ । गािः॒तयं यिः॒ज्ञपिः॑तये। दै वी᳚स्स्विः॒नस्तरिः॑ स्तय नः । स्विः॒नस्तमार नयिः॑िेभ्यः । ऊिः॒ध्रं
ग्नजिः॑गातय भेििः॒जम् । शन्नोिः॑ अस्तय ग्नविः॒पदे ᳚ । शं चतयिः॑ ष्पदे ॥ ॐ शान्ःिः॒ शान्ःिः॒ शान्ःिः॑ ॥
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ॐ नमोिः॑ वािः॒चे या चोिः॑ग्नदिः॒ता या चानयिः॑ग्नदतािः॒ तस्यै िः॑ वािः॒चे नमोिः॒ नमोिः॑ वािः॒चे नमोिः॑ वािः॒चस्पतिः॑ येिः॒ नमिः॒ ऋग्नििः॑भ्यो
मन्त्रिः॒ कृद्भ्योिः॒ मन्त्रिः॑ पग्नतभ्योिः॒ मामामृििः॑यो मन्त्रिः॒ कृतोिः॑ मन्त्रिः॒ पतिः॑ यिः॒ः परािः॑ दयमार
िः॒ ऽहमृिी᳚न्मन्त्रिः॒ कृतोिः॑ मन्त्रिः॒ पतीिः॒न्परािः॑ दां
वैश्वदेिः॒ वीं वाचिः॑मयद्यासग्ं ग्नशिः॒वामदिः॑ स्तां िः॒ जय ष्टां ᳚ देिः॒ वेभ्यिः॒ः शमर िः॑ मेिः॒ द्यौः शमरपृिः॑ ग्नथिः॒वी शमरिः॒ ग्नवश्विः॑ग्नमिः॒दं जगिः॑त् । शमर िः॑
चिः॒न्द्रश्िः॒ सूयरश्िः॑ िः॒ शमर िः॑ ब्रह्मप्रजापिः॒ती । भूतंिः॒ विः॑ग्नदष्येिः॒ भयविः॑नं वग्नदष्येिः॒ ते जोिः॑ वग्नदष्येिः॒ यशोिः॑ वग्नदष्येिः॒ तपोिः॑ वग्नदष्येिः॒
ब्रह्मिः॑ वग्नदष्ये सिः॒त्यं विः॑ग्नदष्येिः॒ तस्मािः॑ अिः॒हग्नमिः॒दमयिः॑पिः॒स्तरिः॑ णिः॒ मयपिः॑स्तृण उपिः॒स्तरिः॑ णं मे प्रिः॒जायै िः॑ पशू नां
िः॒
भूिः॑यादय पिः॒स्तरिः॑ णमिः॒हं प्रिः॒जायै िः॑ पशू नां
िः॒ भूिः॑यासंिः॒ प्राणािः॑ पानौ मृत्योमार
िः॒ पातं
िः॑ िः॒ प्राणिः॑ पानौिः॒ मा मािः॑ हाग्नसष्टंिः॒ मधयिः॑ मग्ननष्येिः॒
मधयिः॑जग्ननष्येिः॒ मधयिः॑ वक्ष्याग्नमिः॒ मधयिः॑ वग्नदष्याग्नमिः॒ मधयिः॑मतीं देिः॒ वेभ्योिः॒ वाचिः॑मयद्यासग्ंशयश्रूिेिः॒ ण्ां ᳚ मनयष्ये
िः॒ ᳚भ्यिः॒स्तं मािः॑ देिः॒ वा
अिः॑व्य शोिः॒भायै िः॑ ग्नपिः॒तरोऽनयिः॑मद्य ॥ ॐ शान्ःिः॒ शान्ःिः॒ शान्ःिः॑ ॥
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सवे भवन्तु सुक्तखनः सवे सन्तु शनरामयाः | सवे भद्राशण पश्यन्तु मा कशश्चद् दु ः खभाग् भवेत् ||
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स्वक्तस्त प्रजाभ्यः पररपालयन्तां न्याय्येन मागेण महीं महीिाः | गोब्राह्मणेभ्यः िुभमस्तु शनत्यं लोकाः
ॐ मधयवातािः॑
िः॒ ऋतायिः॒ते । मधयिः॑क्षरन्िः॒ ग्नसन्धिः॑वः । माध्रीिः॑'नरः सिः॒न्त्र्िोििः॑धीः । मधयनक्तिः॑
िः॒ मयतोिग्न
िः॒ स । मधयिः॑मिः॒त्
नमा॑स्ते अस्तु भगवन् शवश्वेश्वु॒राया॑ महादेु॒ वाया॑ त्र्यंबु॒काया॑ शिपुरान्तु॒काया॑ शिकाशन-काु॒लाया॑ कालाशनरुु॒द्राया॑
ॐ वाङ् मे मनशस प्रशतशष्ठता । मनो मे वाशच प्रशतशष्ठतम् । आशवराशवमि एशध । वेदस्य म आणीस्थः ।
िाक्तन्तः िाक्तन्तः ॥
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दे विः॒धारिः॑ णो भूयासम् । शरीिः॑रं मेिः॒ ग्नवचिः॑िरणम् । ग्नजिः॒ह्वा मेिः॒ मधयिः॑मत्तमा । कणार ᳚भ्यां िः॒ भूररिः॒ग्नवश्रयिः॑वम् । ब्रह्मिः॑ णः
सीु॒मिधुा॑ मशनष्येु॒ मधुा॑ जशनष्येु॒ मधुा॑ वक्ष्याशमु॒ मधुा॑ वशदष्याशमु॒ मधुा॑मतीं देु॒ वेभ्योु॒ वाचा॑मुद्यास गं िुश्रूषेु॒ ण्यां म्
मनुष्ये
ु॒ भ्य
ा॑ ु॒स्तं माा॑ देु॒ वा अा॑वन्तु िोु॒भायै ा॑ शपु॒तरोऽनुा॑मदन्तु ॥
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शं चिः॑ मेिः॒ मयिः॑श् मे ग्नप्रिः॒यं चिः॑ मेऽनयकािः॒मश्िः॑ मेिः॒ कामिः॑श् मे सौमनिः॒सश्िः॑ मे भिः॒द्रं चिः॑ मेिः॒ श्रेयिः॑श् मेिः॒ वस्यिः॑ श् मेिः॒ यशिः॑ श्
मेिः॒ भगिः॑श् मेिः॒ द्रग्नविः॑णं च मे यिः्॒ा च मे धिः॒तार च मेिः॒ क्षेमिः॑श् मेिः॒ धृग्नतिः॑श् मेिः॒ ग्नवश्वं िः॑ च मेिः॒ महिः॑ श् मे संिः॒ग्नवच्चिः॑ मेिः॒ ज्ञािं िः॑
च मेिः॒ सूश्िः॑ मे प्रिः॒सूश्िः॑ मेिः॒ सीरं िः॑ च मे लिः॒ यश्िः॑ म ऋिः॒तं चिः॑ मेिः॒ऽमृतं िः॑ च मेऽयिः॒क्ष्मं चिः॒ मेऽनािः॑ मयच्च मे जीिः॒वातय श् मे
दीघार ययिं
िः॒ चिः॑ मेऽनग्नमिः॒िं चिः॒ मेऽभिः॑यं च मे सयगं
िः॒ चिः॑ मेिः॒ शयिः॑नं च मे सूिा
िः॒ चिः॑ मे सयग्निः॒ दनं िः॑ च मे ॥ सदाशिवोम॥
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स्वक्तस्त प्रजाभ्यः पररपालयन्तां न्याय्येन मागेण महीं महीिाः | गोब्राह्मणेभ्यः िुभमस्तु शनत्यं लोकाः
नमोिः॒ नमः ।
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भूभुिवस्सु वरोम् । ॐ नमिः॑श्शिः॒म्भवे िः॑ च मयोिः॒भवे िः॑ चिः॒ नमःिः॑ शङ्किः॒रायिः॑ च मयस्किः॒रायिः॑ चिः॒ नमःिः॑ ग्नशिः॒वायिः॑ च
ग्नदव्यायिः॒ नमः । ग्नदव्यग्नलङ्गायिः॒ नमः । भवायिः॒ नमः । भवग्नलङ्गायिः॒ नमः । शवार यिः॒
ॐ अिः॒घोरे ᳚भ्योऽथिः॒ घोरे ᳚भ्योिः॒ घोरिः॒घोरिः॑ तरे भ्यः । सवे ᳚भ्यस्सवरिः॒शवे᳚भ्योिः॒ नमिः॑स्ते अस्तय रुिः॒द्ररू
िः॑ पेभ्यः ॥
ॐ वािः॒मिः॒देिः॒वायिः॒ नमो᳚ ज्येिः॒ष्ठायिः॒ नमःिः॑ श्रेिः॒ष्ठायिः॒ नमोिः॑ रुिः॒द्रायिः॒ नमःिः॒ कालािः॑ यिः॒ नमःिः॒ कलिः॑ ग्नवकरणायिः॒ नमोिः॒
बलिः॑ ग्नवकरणायिः॒ नमोिः॒ बलािः॑ यिः॒ नमोिः॒ बलिः॑ प्रमथनायिः॒ नमिः॒स्सवरभूिः॑ तदमनायिः॒ नमोिः॑ मिः॒नोन्मिः॑नायिः॒ नमःिः॑ ॥
दे वाः िाक्तन्तब्रिह्म िाक्तन्तः सवि गं म् िाक्तन्तः िाक्तन्तरे व िाक्तन्तः सा मा िाक्तन्तरे शध | ॐ िाक्तन्तः िाक्तन्तः
िाक्तन्तः |
नम उप ते नम उप ते नमः ॥
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िाक्तन्तः ॥
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समपुणम् Samarpanam:
Giving away the karmaphala to Lord and just accept HIS blessings
ग्ननत्यं नैग्नमग्नत्तकं काम्यं यत्कृतं तय मया ग्नशव । तत् सवं परमेशान मया तय भ्यं समग्नपरतम् ॥
कायेन वाचा मनसेनन्द्रयैवार बयद्ध्यात्मना वा प्रकृते ः स्वभावात् । करोग्नम यद्यत्सकलं परस्मै (श्रीमण्
गन्धाशदः सकलाराध नैः स्वशचि तम् । ग्नहरण् गभर गभरस्थ हे मबीज ग्नवभावसोः । अन् पयण् फलदा
अथः शान्ं प्रयश् मे इधम् आग्नेयं शहरण्यं सदशक्षणाकम् सिांबूलं ॐ श्री साम्ब परमेश्वर
स्वाशम महाशिवराशि पूजा पुण्यकाले सां बशिवप्रीशतं समस्त दे वथाः प्रीथ्यथं काम्यमान िुभ्यमहं
संप्रदिे नमः ॥ इशि उपायनदनम् उमा महेश्वराय नमः साम्ब परमेश्वर स्वाशम सुप्रीिो
ब्राह्मणम् संपूज्य उपायनं दत्वा। रािौ याम चतुष्टयेअपी पूजां कृत्वा शिवकथा श्रवणेन जागरणं
कुयाि त् ।।
आचायिम् ऋक्तत्वजो(अ)न्यां श्च शवप्रान् सुवाशसनीश्च भोजशयत्वा तेिामाशिषम् प्राय तदनुज्ञया भुञ्जीथ।।
This actually involves chanting the aaseervachana manthras by priests / Brahmins presnt to bless the child and
parents. The latter should hold a towel, one end in shoulder, the other end spread across with both the hands, so
as to receive the akshanthulu from priests. Finally the akshantulu must be put on head of child and parents
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नवोिः॑ नवो भवग्नतिः॒ जायिः॑मािः॒नोऽह्नां ᳚ केिः॒तयरुिः॒िसािः॑ मेिः॒त्यर्ग्े ᳚। भािः॒गं देिः॒ वेभ्योिः॒ ग्नवदिः॑ धात्यािः॒यन्
प्रचिः॒न्द्रमा᳚नस्तररग्नत दीिः॒घरमाययिः॑ ः ॥
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ॐस्वक्तस्त न इन्द्ो वृद्धश्रवा : स्वक्तस्त न : पू षा शवश्ववे दा : । स्वक्तस्त नस्ताक्ष्यो
अररष्ट ने शम : स्वक्तस्त नो बृहस्पशत दि धातु ।
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ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, शवष्णु , सदाशिव, अद्धां गी धारा॥ ओम जय शिव
ओंकारा॥
एकानन चतु रानन पञ्चानन राजे । हं सासन गरूड़ासन वृ षवाहन साजे ॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतु भुिज दसभु ज अशत सोहे । शिगुण रूप शनरखते शिभु वन जन मोहे ॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। शिपु रारी कंसारी कर माला धारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वे ताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अं गे। सनकाशदक गरुड़ाशदक भू ताशदक सं गे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध् कमण्डलु चरे शििू लधारी। सु खकारी दु खहारी जगपालनकारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा शवष्णु सदाशिव जानत अशववे का। मधु-कैटभ दोउ मारे , सु र भयहीन करे ॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी, साशविी पावि ती सं गा। पावि ती अद्धां गी, शिवलहरी गंगा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
पवित सोहैं पाविती, िं कर कैलासा। भां ग धतू र का भोजन, भस्मी में वासा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है , गल मुण्डन माला। िे ष नाग शलपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
कािी में शवराजे शवश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी। शनत उठ दिि न पावत, मशहमा अशत भारी॥ ओम जय शिव
ओंकारा॥
पुनः पू जा
या्य दे व गणाः सवे पूजां आदाय पग्नतरवीम् । इष्ट काम्याथर ग्नसध्यथं पयनरागमनाय च ॥