Somaka

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Somaka (सोमक) is one of seven mountains of Plakshadvipa mentioned in Vishnu Purana 2,4,7.

Variants

History

सोमक पर्वत

सोमक पर्वत (AS, p.989): विष्णु पुराण 2,4,7 के अनुसार प्लक्षद्वीप के सात मर्यादा पर्वतों में से एक है--गोमेदश्चैव, चंद्रश्चनारदो, दुंदुभिस्तथा, सोमक:, सुमनाश्चैव और वैभ्राजश्चैव सप्तम:। [1] ने

प्लक्षद्वीप

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...प्लक्षद्वीप (AS, p.592): पौराणिक भूगोल की कल्पना के अनुसार पृथ्वी के सप्त महाद्वीपों में प्लक्षद्वीप की भी गणना की गयी है। 'जंबू प्लक्षाह्वयौ द्वीपौ शाल्मलश्चापरो द्विज, कुश: क्रौंच्स्तथा शाक: पुष्करश्चैव सप्तम:।' (विष्णु पुराण 2,2,5) विष्णु पुराण [2,4] में प्लक्षद्वीप का सविस्तार वर्णन है, जिससे सूचित होता है कि विशाल प्लक्ष या पाकड़ के वृक्ष की यहाँ स्थिति होने से यह द्वीप 'प्लक्ष' कहलाता था। इसका विस्तार दो लक्ष योजन था।

इसके सात मर्यादा पर्वत थे- गोमेद, चंद्र, नारद, दुंदुभि, सोमक, सुमना और वैभ्राज

यहाँ की सात मुख्य नदियों के नाम थे - अनुतप्ता, शिखी, विपाशा, त्रिदिवा, अक्लमा, अमृता और सुक्रता

यह द्वीप लवण या क्षार सागर से घिरा हुआ था। इस द्वीप के निवासी सदा निरोग रहते थे और पाँच सहस्त्र वर्ष की आयु वाले थे। यहाँ की जो आर्यक, कुरर, विदिश्य और भावी नामक जातियाँ थी, वे ही क्रम से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र थीं। प्लक्ष में आर्यकादि वर्णों द्वारा जगत्स्स्त्रष्ट्रा हरि का पूजन सोम रूप में किया जाता था। इस द्वीप के सप्त पर्वतों में देवता और गंधर्वों के सहित सदा निष्पाप प्रजा निवास करती थी। (उपर्युक्त उद्धरण विष्णु पुराण के वर्णन का एक अंश है।)

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References