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Universitätsbibliothek Heidelberg
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 Online-Ressource
Verfasst von:Venkatraman, Shriram [VerfasserIn]   i
Titel:தென்னிந்தியாவில் சமூக ஊடகங்கள் – Social Media in South India (Tamil)
Verlagsort:London
Verlag:UCL Press
Jahr:2019
Umfang:1 Online-Ressource (376 p.)
Gesamttitel/Reihe:Why We Post
Schrift/Sprache:Tamil
ISBN:9781787354900
Abstract:One of the first ethnographic studies to explore use of social media in the everyday lives of people in Tamil Nadu, Social Media in South India provides an understanding of this subject in a region experiencing rapid transformation. The influx of IT companies over the past decade into what was once a space dominated by agriculture has resulted in a complex juxtaposition between an evolving knowledge economy and the traditions of rural life. While certain class tensions have emerged in response to this juxtaposition, a study of social media in the region suggests that similarities have also transpired, observed most clearly in the blurring of boundaries between work and life for both the old residents and the new. Venkatraman explores the impact of social media at home, work and school, and analyses the influence of class, caste, age and gender on how, and which, social media platforms are used in different contexts. These factors, he argues, have a significant effect on social media use, suggesting that social media in South India, while seeming to induce societal change, actually remains bound by local traditions and practices
 दक्षिण भारत पर सामाजिक मीडिया, जो तमिलनाडु में लोगों के दैनिक जीवन में सामाजिक मीडिया के उपयोग पर अन्वेषण करनेवाले पहले के नृवंशवैज्ञानिक अध्ययनों पर एक है, तेज़ी परिवर्तन का अनुभव करनेवाले एक क्षेत्र में इस विषय का ज्ञान प्रदान करता है. जो एक समय कृषि से हावी किया गया था, उस क्षेत्र पर पिछले दशक में आईटी कंपनियों का प्रवेश, एक उद्विकासी ज्ञान अर्थव्यवस्था और ग्रामीण जीवन की परिपाटी के बीच एक जटिल मुकाबला का कारण बन गया है. जबकि इस मुकाबले के उत्तरक्रिया के रूप में कुछ वर्गीय तनाव प्रकट हुए हैं, इस क्षेत्र के सामाजिक मीडिया पर अध्ययन इसका प्रस्ताव करता है कि समरूपता का भी पता चलता है, जो पुराने और नए निवासियों के काम और जीवन की सीमाओं के धुंधुला होने से अधिक स्पष्ट रूप से अवलोकन किया जाता है. वेंकटरामन घर, काम और स्कूल पर सामाजिक मीडिया के प्रभाव पर अन्वेषण करते हैं और वर्ग, जाति, उम्र और लिंग के प्रभाव पर इसका विश्लेशण करते हैं कि जैसे और जो सामाजिक मीडिया के मंच विभिन्न सन्दर्भों पर उपयोग किये जाते हैं. वे ऐसा तर्क करते हैं कि ये कारक के सामाजिक मीडिया के उपयोग पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है और इसका प्रस्ताव करते हैं दक्षिण भारत में सामाजिक मीडिया, यद्यपि सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करने लगता है, वास्तव में सामाजिक परिपाटी और प्रयोग से सीमित हैं
URL:kostenfrei: Verlag: https://directory.doabooks.org/handle/20.500.12854/35780
 20.500.12854/35780
Datenträger:Online-Ressource
Sprache:tam
Sach-SW:Communication studies
 Cultural studies
 Media studies
 Sociology & anthropology
K10plus-PPN:1778507921
 
 
Lokale URL UB: Zum Volltext

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