काफल उत्तराखंड में फलों का राजा माना जाता हैI यह ठंडी जगह में पाया जाता है, अप्रैल माह से देखने को मिल जाता हैI इस समय यहां आने वाले पर्यटक इसका आनंद उठाने से नहीं चूकतेI
काफल की प्रचलित कथा:
एक समय की बात है उत्तराखंड के एक गांव में एक बूढ़ी महिला और उसकी बेटी रहती थी उन दोनों के पास गुजारा करने के लिए मात्र एक खेत ही थाI जहां पर काफल के कुछ पेड़ लगे थेI गर्मियों के दिनों में काफल को बेचकर ही उन दोनों का गुजारा चलता थाI
एक बार जब बूढ़ी महिला एक टोकरी काफल तोड़कर लाई और उसको बाजार में ले जाना था लेकिन जानवरों का चारा लाने के लिए वह चली गई और अपनी पुत्री को बोल कर गई कि काफल का ध्यान रखना वापस आने पर वह उसे खुद कुछ काफल खाने को देगीI
उसके बाद वह बूढ़ी औरत चली गई उसकी पुत्री ने काफल का ध्यान रखा उसका मन काफल खाने का था लेकिन मां की बात याद आने पर उसने उसे हाथ लगाए बिना एक साइड में जाकर सो गईI शाम को जब वह बूढ़ी औरत आई
तो उसने देखा कि उसकी पुत्री साइड में सोई हुई है और का फल की टोकरी मैं काफल काफी कम हो गए हैंI तो उस बूढ़ी औरत को लगा कि मेरे मना करने के बावजूद भी मेरी पुत्री ने मेरा कहना ना मानकर का फल खाएI
वह बूढ़ी औरत गुस्से में आकर अपनी सोई हुई पुत्री को मारने लगीI पुत्री सोई हुई थी उसे कुछ इस प्रकार की चोट लगी कि वह नींद में है मर गईI शाम को जब काफल की टोकरी दोबारा से फुल हो गई
तो बूढ़ी औरत को समझ में आया कि उसकी पुत्री ने काफल नहीं खाए थेI वह काफल धूप के कारण कम हुए थे और शाम होते ही ठंडी हवाओं के कारण बहुत दोबारा से खिल उठे हैंI अब उस बूढ़ी औरत को बहुत पछतावा हुआ जिस कारण उसके प्राण निकल गएI
आज भी उत्तराखंड में जब काफल पकने का समय आता है तो वहां पर एक चिड़िया बोल कर जाती है “काफल पाको मेनी चाखो” तब दूसरी चिड़िया बोलती है “पूरे हैं बेटी पूरे हैं” यह कहानी पूरे उत्तराखंड में मशहूर हैI
काफल के फायदे
काफल एक ऐसा फल है जिसके कई प्रकार के फायदे हैं:-
- यह मानसिक तनाव को दूर करता हैI
- गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता हैI
- पाचन संबंधी समस्याओं मैं भी यहां लाभकारी होता हैI
काफल के फायदे देखें तो यह फल के साथ-साथ काफल के पेड़ की छाल, फल, फूल सभी चीजों का उपयोग आयुर्विज्ञान में किया जाता हैI इन सब का उपयोग आपको चरक संघिता में विस्तार से देखने को मिलता हैI
जो मुख्य रूप से डायबिटीज, सांस संबंधी समस्याओं और मुंह में छाले पड़ना जैसी विभिन्न प्रकार की बीमारियों में औषधि के रूप में काम आता हैI इन सब चीजों का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता इसीलिए ही पुराने समय पर इन्हीं चीजों का उपयोग उपचार हेतु किया जाता थाI
काफल का पेड़
काफल का पेड़ ठंडी जलवायु में होता हैI यह एक ऐसा प्राकृतिक फल है जो अपने आप ही उगता है कोई भी नहीं लगाता बल्कि प्रकृति ने स्वयं ही से प्रदान किया हुआ हैI जिस प्रकार उत्तराखंड का नाम देव भूमि है जहां पर होने वाले हर चीज का मतलब देवताओं के द्वारा प्रदान किए हुए उपहारों से हैंI
काफल भी कोई उपहार से कम नहीं हैI यह काफी बड़ा पेड़ होता है और इसमें का फल गुच्चो में लगते हैं पहले हरे होते हैंI उसके बाद अप्रैल माह में यह जब पक जाते हैं तो लाल हो जाते हैं और इनका स्वाद एकदम खट्टा मीठा होता है जो बिल्कुल दिल को छू जाता हैI यदि आप उत्तराखंड में आए हैं और अपने का फल नहीं खाया तो आपने उत्तराखंड को बिल्कुल महसूस ही नहीं किया हैI
गर्मियों के दिनों में वैसे भी पर्यटक पहाड़ों की ओर आते हैं कोशिश करें कि आप भी उत्तराखंड मैं आकर काफल का आनंद जरूर उठाएं इसके साथ-साथ आपसे घर ले जाएं और अपने बच्चों को अपने परिवार को खिलाएंI बाहर की फालतू चीजें खिलाने से अच्छा है कि उन्हें कुछ ऐसी चीजें खिलाए जिससे उनकी सेहत भी अच्छी रहेI हल्का नमक लगाकर खाने से और भी बढ़ जाता हैI देवभूमि में आपका स्वागत हैI
FAQ’s
What is the benefits of kafal?
यह मानसिक तनाव को दूर करता हैI
गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता हैI
पाचन संबंधी समस्याओं मैं भी यहां लाभकारी होता हैI
काफल के फायदे देखें तो यह फल के साथ-साथ काफल के पेड़ की छाल, फल, फूल सभी चीजों का उपयोग आयुर्विज्ञान में किया जाता हैI इन सब का उपयोग आपको चरक संघिता में विस्तार से देखने को मिलता हैIजो मुख्य रूप से डायबिटीज, सांस संबंधी समस्याओं और मुंह में छाले पड़ना जैसी विभिन्न प्रकार की बीमारियों में औषधि के रूप में काम आता हैI इन सब चीजों का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता इसीलिए ही पुराने समय पर इन्हीं चीजों का उपयोग उपचार हेतु किया जाता थाI
काफल फल क्या है?
काफल उत्तराखंड में पाए जाने वाला एक फल है जो कि अप्रैल माह में मिलना शुरू होता है इसका स्वाद खट्टा मीठा होता हैI सेहत के लिए लाभकारी होता हैI
Where is kafal grown in India?
भारत में आपको काफल उत्तराखंड में मिलता हैI
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